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प्रेमानंद महाराज ने गुस्‍से में ल‍िया फैसला, ‘YouTube पर दर्शन और सत्संग दोनों बंद होंगे…’, जानें क्‍या है वजह

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Premanand Maharaj Satsang: वृंदावन के प्रस‍िद्ध संत प्रेमानंद महाराज इस दौर के सबसे प्रतापी संत हैं, ज‍िन्‍हें सुनने और देखने के ल‍िए हाजारों लोग मथुरा-वृंदावन आते हैं. प्रेमानंद महाराज ज‍ितना ब्रज भूम‍ि में प्रस‍िद्ध हैं, उससे कहीं ज्‍यादा लोग उनके दर्शन YouTube और सोशल मीड‍िया के जरिए करते हैं. पूज्‍य महाराजश्री अक्‍सर अपने भक्‍तों के कई सवालों के जवाब अपने एकांतिक दरबार में भी देते हैं, जि‍सके वीड‍ियो बहुत चर्चित हैं. लेकिन लोगों की हरकतों से नाराज हुए प्रेमानंद महाराज ने गुस्‍से में ये फैसला तक ल‍िया है कि ‘YouTube पर दर्शन और सत्संग दोनों बंद होंगे…’. महाराज की इस घोषणा से उनके कई भक्‍त आहत और परेशान हैं. ऐसे ही अयोध्‍या से आए एक भक्‍त ने महाराज से इस सब के बारे में फिर से सोचने को कहा. जानिए ऐसा फैसला उन्‍होंने क्‍यों ल‍िया है.

अगर संतोष नहीं, तो ये सब नाटक है…
प्रेमानंद महाराज ने अपने इस फैसले के बारे में बताते हुए कहा, ‘हमारा उद्देश्‍य है कि जो हमारे पास आए, उसका मंगल होना चाहिए, उसे शांति म‍िलनी चाहिए. अगर साधु के पास आकर क‍िसी को शांति न म‍िले, संतोष न म‍िले तो हमारा ये सब नाटक ही तो हो गया, नौटंकी ही कहलाएगा. हमारा अस्‍वस्‍थ्‍य शरीर है, दोनों क‍िडनी फेल है और हमारे पास समय कम है. तो मुझे लगता है कि जो यहां आए शांति, सदगुण उसके ह्रदय में आना चाहिए. जब आप हमसे म‍िलें तो आप हमें देखें, हमारे नेत्रों में देखें. हम तो आपको देख रहे हैं और आप अपना मोबाइल देख रहे हैं. भीड़ कर रहे हैं…’

आप हमारा परिवार हैं…
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, ‘कोई माता-बहन प्रणाम करे, कोई बूढ़ा हो और लोग हो-हल्‍ला करें, शोर करें. हम इसके लि‍ए थोड़े ही न‍िकलते हैं. हम इसल‍िए निकलते हैं कि सबको सुख म‍िले. 2 क‍िलोमीटर लंबा मार्ग है, कही भी आप आराम से दर्शन कर सकते हैं. लेकिन आप हमारे साधुओं को धक्‍का मारो, बीच में घुसो तो ये सही नहीं है न.’ वह आगे कहते हैं, ‘हम आपको अपना परिवार मानते हैं. जैसे हमारे साधु साथ चलते हैं, आप भी चलें. हमें लगेगा कि मेरा परिवार साथ चल रहा है. कुछ द‍िन मैंने साधुओं को खुद से दूर चलने को कहा, ताकि मैं अकेला चलूं. लेकिन लोगों ने धक्‍का-मुक्‍की करनी शुरू कर दी. देख‍िए, अगर आप हमारे पास आएं और आपका व्‍यवहार शालीन न हो तो मुझे लगता है कि मेरे प्रवचन का क्‍या मतलब हुआ? और प्रचार-प्रसार क‍िसके लि‍ए करें. हमारे प्रभू हमें जानते हैं, हम उनके हैं, लेकिन हम आपका व्‍यवहार देखना चाहते हैं. तो जब लोग ऐसा व्‍यवहार करते हैं तब हमने गुस्‍से में ऐसा कह द‍िया.’

इसपर कई भक्‍तों ने प्रेमानंद महाराज से व‍िनती की कि वो ऐसा न करें. हालांकि वीड‍ियो के अंत में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि श्रीजी उनसे जो कराएं वो करेंगे. बता दें कि प्रेमानंद महाराज हर रोज रात ढाई बजे छटीकरा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण शरणम आवासीय अपार्टमेंट से पैदल यात्रा करते हुए रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज आश्रम पहुंचते हैं. इसी मार्ग पर उनके दर्शन पाने के लि‍ए हजारों श्रद्धालू इस 2 क‍िलोमीटर के मार्ग पर लाइनें लगाकर खड़े रहते हैं. रात 12 बजे से ही इस मार्ग पर भक्‍तों की लाइनें लगना शुरू हो जाती है.

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