Kundali Of Kids : बच्चे के जीवन के पहले बारह साल बहुत ही खास होते हैं. शुरुआती चार साल में मां का असर, उसके बाद पिता का असर और फिर बारह साल के बाद बच्चे के खुद के कर्मों का असर साफ दिखाई देता है. इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के लिए सकारात्मक वातावरण बनाएं और अच्छे संस्कार दें. बारह साल के बाद बच्चे की कुंडली पूरी तरह से सक्रिय हो जाती है और उसका जीवन उसके कर्मों के आधार पर आकार लेने लगता है.