ओम प्रयास/ हरिद्वार. हिंदू धर्म में शक्ति की देवी मां दुर्गा का नवरात्रों में व्रत, पूजा पाठ करने का विशेष महत्व बताया गया है. सभी दुखों से छुटकारा पाने के लिए और सभी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए शास्त्रों में शक्ति की देवी की पूजा अर्चना सबसे अधिक फलदायक बताई गई है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान राम ने भी रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए अंतिम युद्ध से पहले नौ दिन तक शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा अर्चना की थी, जिसके बाद भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी. वेदों पुराणों और शास्त्रों के अनुसार मां दुर्गा के नवरात्रों में उनके निमित्त श्रद्धा भक्ति भाव से उनके स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. नवरात्रों में देवी दुर्गा के स्त्रोत का पाठ करने से जहां माता प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं, तो वहीं जीवन में आने वाले सभी दुख खत्म हो जाते हैं. ऐसे ही धार्मिक ग्रंथ दुर्गा सप्तशती में मां दुर्गा के निमित्त किए जाने वाला सिद्ध कुंजिका स्तोत्र विशेष फल और लाभ प्रदान करने वाला है. इस स्तोत्र का पाठ नवरात्रों में करने से इसका कई गुना लाभ प्राप्त होता हैं.
शक्ति की देवी मां दुर्गा के विशेष स्तोत्र सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का अधिक महत्व जानने के लिए हमने हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से बातचीत की. उन्होंने Bharat.one को बताया कि नवरात्रों में देवी मां के सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से इसका कई गुना लाभ होता है. नवरात्रों में इस स्तोत्र का पाठ करने से हर कार्य में सिद्ध प्राप्त हो जाती है और देवी मां सभी मनोकामनाएं पूर्ण करके सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखती हैं. नवरात्रों में सुबह के समय देवी मां की पूजा के दौरान इस विशेष स्तोत्र का पाठ किया जाए, तो हर कार्य में सिद्धि प्राप्त हो जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी मां के निमित्त इस स्तोत्र के पाठ से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं.
त्रेता युग में रामायण से जुड़ा है स्तोत्र का महत्व
ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि रामायण में रावण के पुत्र मेघनाथ द्वारा अपने अंतिम युद्ध से पहले विजय प्राप्त करने के लिए गुप्त स्थान पर जाकर देवी मां के इसी स्तोत्र का पाठ किया गया था. यदि मेघनाथ ने देवी मां के सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ पूरा किया होता तो वह अजर अमर हो जाता और उसे अपने हर कार्य में सिद्धि प्राप्त हो जाती. जिसके बाद वह लक्ष्मण के साथ हुए युद्ध में विजय हो जाता. यदि ऐसा हुआ होता तो आज रामायण पूरी तरह बदल जाती. वह बताते हैं कि इस स्तोत्र का पाठ नवरात्रों में करने का विशेष महत्व है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार देवी मां का यह स्तोत्र देवताओं के लिए भी दुर्लभ है.
FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 08:49 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
