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भगवान कृष्ण को प्रिय है अगहन का महीना, ऐसे करें बाल-गोपाल की पूजा, जीवन की सभी बाधाएं होंगी दूर!

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Margashirsha Month 2025: हिन्दू धर्म में हर तिथि, हर वार के साथ हर माह का भी विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. पंचांग का नौवां महीना, मार्गशीर्ष माह जल्द ही शुरू होने वाला है. धार्मिक ग्रंथों में इस पवित्र महीने का अत्यधिक महत्व बताया गया है, जिसे ‘अगहन मास’ भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस माह में किए गए स्नान, दान और दीपदान से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है कि “मासों में मैं मार्गशीर्ष हूँ”, जिससे इस महीने के धार्मिक महत्व के बारे में पता चलता है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, इस माह अगर लड्डू गोपाल की कृपा बरसती है. इस महीने में अगर बाल गोपाल को प्रसन्न करने के कुछ नियम के साथ विधि-विधान से उनका पूजन किया जाए तो साल भर बाल गोपाल की कृपा बरसती है.

कब से शुरू हो रहा है मार्गशीर्ष माह
पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत 6 नवंबर 2025, गुरुवार से हो रही है. कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन से ही इस पवित्र माह का आरंभ हो जाता है और इसका समापन 04 दिसंबर 2025 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ होगा. यह पूरा महीना जप, तप और ध्यान के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.

श्रीकृष्ण को अति प्रिय है अगहन मास
भगवान श्रीकृष्ण ने इस माह के विषय में गीता में भी बात की है. उन्होंने यह भी कहा है कि जो लोग मुझे पाना चाहते हैं, वह इस माह मेरे लिए तप करें और किसी पवित्र नदी में स्नान करके मुझे पा सकते हैं. इसलिए इस माह जो श्री कृष्ण के भक्त होते हैं, वो लड्डू गोपाल की पूजा जरूर करते हैं.

अगहन माह में लड्डू गोपाल की पूजा के नियम
लड्डू गोपाल को प्रसन्न करने के लिए रोजाना सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और फिर तांबे के लोटे से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए. उसके बाद लड्डू गोपाल को सुबह के स्नान और आरती के लिए घंटी बजा कर उठाना है. आप चाहें तो 7 बार ताली बजाकर भी लड्डू गोपाल को उठा सकती हैं.

-इसके बाद पवित्र जल से लड्डू गोपाल को स्नान कराना चाहिए. फिर आप लड्डू गोपाल का श्रृंगार करें और नए वस्त्र पहनाएं. इस माह लड्डू गोपाल को केसर का तिलक लगाएं. दरअसल, सर्दियों के समय में चंदन ठंडा करता है और केसर में गर्माहट होती है.

-लड्डू गोपाल की आरती करें और तिल एवं गुड़ का भोग जरूर लगाएं. आपको बता दें कि गर्म दूध, तिल के लड्डू, मीठे पराठे और सीजन में आने वाली सब्जी एवं फल इस वक्त आपको लड्डू गोपाल को भोग स्वरूप जरूर चढ़ाना चाहिए.

-इसके बाद आपको 108 बार ‘कृं कृष्णाय नमः’ मंत्र का जाप भी जरूर करना चाहिए. यह जाप आप सुबह नहीं कर पाती हैं तो शाम के वक्त भी कर सकती हैं.

-पूजा के बाद 10 मिनट के लिए बाल गोपाल को सूर्य की किरणों में ले जाएं और फिर उन्हें सुला कर शाम 4 बजे दोबारा आरती करें और भोग लगाएं. फिर लड्डू गोपाल की आरती रात में 8 बजे तक करके बाल गोपाल को सुला दें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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