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squat benefits daily।स्क्वाट करने का सही तरीका

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Squat Benefits: आज के समय में जहां ज्यादातर लोग दिनभर कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, वहां शरीर का मूवमेंट बहुत कम हो गया है. हममें से ज़्यादातर लोग लंबे समय तक बैठने की वजह से पीठ दर्द, घुटनों की जकड़न या पाचन से जुड़ी परेशानियों का सामना करते हैं, लेकिन अगर आप हर दिन सिर्फ 5 मिनट तक “झुककर बैठने” यानी स्क्वाट की स्थिति में बैठने की आदत डाल लें, तो ये आपके शरीर के लिए चमत्कारिक साबित हो सकता है. दिन में बस पांच मिनट की यह साधारण सी पोजिशन आपके शरीर की लगभग हर बड़ी मांसपेशी को सक्रिय कर देती है. इससे न केवल ताकत बढ़ती है बल्कि लचीलापन, संतुलन और पाचन तक बेहतर होता है. कई शोध बताते हैं कि यह पोज़ शरीर के जोड़ों को खोलने, ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने और उम्र बढ़ने के साथ आने वाली गतिशीलता की कमी को रोकने में बेहद असरदार है. यानी अगर आप सिर्फ पांच मिनट तक झुककर बैठने की आदत डाल लें, तो बिना किसी जिम या भारी कसरत के आप अपनी फिटनेस को अगले स्तर पर ले जा सकते हैं.

स्क्वाट कैसे करें
स्क्वाट करने के लिए अपने पैरों को कूल्हों से थोड़ा ज्यादा चौड़ा रखें और पैर की उंगलियों को हल्का बाहर की ओर मोड़ें. पीठ सीधी रखें, छाती ऊंची और नजर सामने. अब धीरे-धीरे नीचे झुकें जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठ रहे हों. ध्यान रखें कि एड़ियां जमीन पर टिकी रहें और घुटने पैर की उंगलियों से आगे न जाएं. जब आपकी जांघें जमीन के समानांतर हो जाएं, तो कुछ सेकंड उसी पोजिशन में रुकें और फिर एड़ियों के सहारे वापस खड़े हो जाएं. नीचे जाते वक्त सांस लें और उठते वक्त सांस छोड़ें.

जब आप हर दिन 5 मिनट स्क्वाट पोजीशन में रहते हैं तो क्या होता है
1. निचले शरीर की ताकत बढ़ती है
स्क्वाट आपके क्वाड्स, हैमस्ट्रिंग्स, ग्लूट्स और काफ़ मसल्स को एक साथ काम कराता है. इससे पैरों की ताकत और मांसपेशियों की टोन दोनों में सुधार होता है. एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग 10 हफ्ते तक फुल स्क्वाट करते हैं, उनकी जांघों की मांसपेशियां लगभग दोगुनी मजबूत हो जाती हैं.

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2. जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है
हर दिन कुछ मिनट झुककर बैठने से कूल्हे, घुटने और टखनों के जोड़ों में लचीलापन आता है. यह लंबे समय तक बैठने से आने वाली अकड़न को खत्म करता है और मूवमेंट आसान बनाता है.

3. हड्डियां और टिश्यू मजबूत होते हैं
स्क्वाट सिर्फ मांसपेशियों को नहीं, बल्कि हड्डियों और जोड़ों को भी मजबूती देता है. इससे हड्डियों की घनत्व बढ़ती है और चोट लगने की संभावना कम होती है.

4. बैलेंस और बॉडी कंट्रोल बेहतर होता है
जब आप स्क्वाट पोज़ को होल्ड करते हैं, तो शरीर का संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है. इससे बॉडी का “कोऑर्डिनेशन” बेहतर होता है, जिससे चलने, झुकने या वजन उठाने जैसी रोजमर्रा की क्रियाएं आसान हो जाती हैं.

5. पाचन सुधरता है
स्क्वाट पोजीशन पेट और मलाशय को प्राकृतिक रूप से संरेखित करती है, जिससे पेट साफ होना आसान हो जाता है. इसी कारण कई देशों में अब टॉयलेट डिज़ाइन में भी झुकने वाली पोज़िशन को प्रमोट किया जा रहा है.

6. उम्र के साथ गतिशीलता बनी रहती है
बुजुर्गों के लिए स्क्वाट एक वरदान है. इससे पैरों की ताकत और बैलेंस दोनों बढ़ते हैं, जिससे गिरने का खतरा कम होता है और चलने की क्षमता लंबे समय तक बनी रहती है.

किसे स्क्वाट करने में सावधानी बरतनी चाहिए
हालांकि यह व्यायाम लगभग हर किसी के लिए सुरक्षित है, लेकिन अगर किसी को पहले से घुटनों, कूल्हों या कमर में दर्द की समस्या है तो उन्हें इसे करने से पहले किसी फिजियोथेरपिस्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. गर्भवती महिलाओं या जिन्हें पैल्विक फ्लोर से जुड़ी परेशानी है, उन्हें भी विशेषज्ञ की गाइडेंस में ही यह करना चाहिए.


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