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भजन-कीर्तन अपनाओ… पलामू में साध्वी प्रज्ञा भारती बोलीं- आध्यात्म से दूर होकर समाज में बढ़ रही हैं कुरीतियां

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Palamu News : पलामू के चियांकी में द्वादश कुंडीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में साध्वी डॉ. प्रज्ञा भारती ने राम सीता कथा सुनाई, कुरीतियों पर चिंता जताई और आध्यात्म अपनाने का संदेश दिया.

पलामू : झारखंड के पलामू जिले में इन दिनों भक्ति की बयार चल रही है. यहां मेदिनीनगर शहर स्थित चियांकी के पंडित जगन्नारायण त्रिपाठी बीएड कॉलेज परिसर में आयोजित द्वादश कुंडीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में मथुरा से आई कथा वाचिका साध्वी डॉ. प्रज्ञा भारती ने भगवान राम और सीता की कथा का वाचन कर रही हैं. इस धार्मिक आयोजन में उन्होंने अपने प्रवचनों के माध्यम से समाज में बढ़ रही कुरीतियों को लेकर अपनी चिंता जताई और कहा कि आज के समय में आध्यात्म से दूर होने के कारण ही समाज में व्याप्त समस्याएं और कुरीतियां दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं.

अध्यात्म से दूर होने से बढ़ रही हैं कुरीतियां

साध्वी डॉ. प्रज्ञा भारती ने Bharat.one से बातचीत में कहा कि जब समाज आध्यात्म से जुड़ा नहीं रहता, तो उसे न केवल मानसिक शांति की कमी होती है, बल्कि कुरीतियां भी फैलने लगती हैं. उनका मानना है कि यदि हम आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अपनी जीवन शैली को सुधारें तो कई सामाजिक समस्याओं का समाधान स्वतः हो सकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर लोग एक-दूसरे के प्रेम और सहयोग को समझें, तो रिश्तों में मजबूती आएगी.

समाज में आध्यात्म की आवश्यकता

साध्वी ने आगे कहा कि जैसे जीवन के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है. वैसे ही जीवन में आध्यात्म भी अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से आग्रह किया कि वह अपने जीवन में अध्यात्म को स्थान दें. ताकि वह न केवल अपने परिवार और रिश्तों को बेहतर बना सके. बल्कि आत्मिक शांति भी प्राप्त कर सके. उन्होंने कहा कि जीवन जीने की कला रामायण सिखाती है. यही दाम्पत्य जीवन का मूल उद्देश्य है कि पति और पत्नी सुख हो या दुख हो ये परस्पर एक दूसरे के साथ बिताना चाहिए. सीता और राम के चरित्र से सभी पति और पत्नी को दाम्पत्य जीवन को लेकर सिख लेनी चाहिए.

असफलता पर न उठाएं ये कदम

साध्वी ने समाज में बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि आजकल करियर की असफलता या व्यक्तिगत समस्याओं के कारण लोग आत्महत्या कर लेते हैं, जो सनातन धर्म के अनुसार बिलकुल गलत है. मनुष्य की योनि सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है और यह बहुत कठिनाई से प्राप्त होती है. आत्महत्या करने वाले लोग प्रेत योनि में जाते हैं. इसलिए हमें कभी आत्महत्या के बारे में नहीं सोचना चाहिए. इसके बजाय हमें भगवान से जुड़कर भजन कीर्तन करना चाहिए, जिससे हमारी आत्मीयता बढ़ेगी और हमें सही मार्गदर्शन मिलेगा.

पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी के कहा कि इस वक्त जिले में भक्ति की बयार चल रही है. इस महायज्ञ स्थल पर नाड़ी शास्त्र के ज्ञानी कंबल बाबा उर्फ गणेश यादव भी उपस्थित हैं, जो गठिया, लकवा और अन्य रोगों से पीड़ित लोगों का निःशुल्क इलाज कर रहे हैं. उनका कहना है कि झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए आ रहे हैं. यह धार्मिक आयोजन न केवल आध्यात्मिक चेतना का जागरण कर रहा है, बल्कि लोगों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक कर रहा है. साथ ही, यह समाज में आध्यात्मिक मूल्यों को स्थापित करने का एक प्रयास भी है, जो निश्चित रूप से कुरीतियों को समाप्त करने में सहायक सिद्ध होगा.

Brijendra Pratap Singh

बृजेंद्र प्रताप सिंह डिजिटल-टीवी मीडिया में लगभग 4 सालों से सक्रिय हैं. मेट्रो न्यूज 24 टीवी चैनल मुंबई, ईटीवी भारत डेस्क, दैनिक भास्कर डिजिटल डेस्क के अनुभव के साथ संप्रति News.in में सीनियर कंटेंट राइटर हैं. …और पढ़ें

बृजेंद्र प्रताप सिंह डिजिटल-टीवी मीडिया में लगभग 4 सालों से सक्रिय हैं. मेट्रो न्यूज 24 टीवी चैनल मुंबई, ईटीवी भारत डेस्क, दैनिक भास्कर डिजिटल डेस्क के अनुभव के साथ संप्रति News.in में सीनियर कंटेंट राइटर हैं. … और पढ़ें

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