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महाकुंभ में प्रयागराज जा रहे हैं? तो इन 5 में से किसी एक घाट पर स्नान जरूर करें, मिलेगा पुण्य

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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है. 13 जनवरी से शुरु होकर यह आयोजन 26 जनवरी महाशिवरात्रि के दिन तक रहेगा. महाकुंभ के दौरान सबसे अधिक महत्व पवित्र नदी में स्नान का होता है. यूं तो महाकुंभ के दौरान हर दिन नदी में स्नान करना पुण्यदायी होता है, लेकिन कुछ प्रमुख तिथियों पर नदी में स्नान करना शाही स्नान कहलाता है. इसके लिए देश-विदेश से लोग आते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं.

प्रयागराज में महाकुंभ लगने से यह शहर काफी चर्चा में रहता है. यहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम है. इसलिए प्रयागराज के घाटों का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ जाता है. तो अगर आप भी कुंभ मेले में जा रहे हैं, तो इन 5 प्रसिद्ध घाटों पर समय जरूर समय बिताएं और किसी एक घाट पर स्नान कर पुण्य जरुर प्राप्त करें.

दशाश्वमेध घाट
प्रयागराज का दशाश्वमेध घाट का पौराणिक व धार्मिक महत्व है. मान्यताओं के अनुसार, इस घाट पर
ब्रह्मा जी ने दस अश्वमेध यज्ञ किए थे. महाकुंभ के दौरान यह घाट गंगा आरती और भजन-कीर्तन के लिए बेहद लोकप्रिय है. शाम को गंगा आरती के बाद यहां आप लोकर डिशे का आनंद ले सकते हैं.

हांडी फोड़ घाट
प्रयागराज के सबसे प्राचीन घाटों में से एक घाट हांडीफोड़ घाट है. इस घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंग इसे और भी खास बनाता है. इसके साथ ही अगर आप शांत लहरों को देखना व नदियों की मधुर ध्वनि को सुनना पसंद करते हैं तो यह घाट आपके लिए बहुत सुखद रहने वाला है.

बलुआ घाट
बलुआ घाट साधु-संतों का जमावड़ा देखने को मिलता है. यहां का वातावरण ध्यान और योग के लिए उपयुक्त है. इसलिए यहां साधु-संत भी अपने प्रवचन व ध्यान के लिए इसे चुनते हैं. बता दें कि यह घाट भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से दूर है.

संगम घाट
महाकुंभ के दौरान संगम घाट आस्था व आकर्षण दोनों का केंद्र माना जाता है. संगम घाट पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती तीनों नदियां मिलती हैं, जो कि मोक्ष प्राप्ति की चाह रखने वालों के लिए उचित मार्ग माना जाता है. यहां स्नान करना यात्रियों के लिए मुख्य आकर्षण होता है. यहां नाव की सवारी के जरिए त्रिवेणी संगम का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं.

केदार घाट
कुंभ मेले में केदार घाट पर स्नान करने और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. शिव जी के भक्तों के लिए यह केदार घाट बेहद खास जगह है, यह जगह भगवान शिव को समर्पित है.

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