कौन हैं भगवान विश्वकर्मा?
भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का पहला अभियंता माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, उन्होंने कई पौराणिक नगरों, महलों और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया था. उनके बनाए हुए प्रसिद्ध निर्माणों में द्वारका, इंद्रपुरी, पुष्पक विमान और शिवजी का त्रिशूल शामिल है. उन्हें कला, शिल्प, यंत्र और विज्ञान का स्वामी भी कहा जाता है.
-पर्व की तिथि: 17 सितंबर 2025 (बुधवार)
-संक्रांति का समय: सुबह 01:55 बजे
इस समय के आसपास पूजा करना शुभ माना जाता है, खासकर सूर्योदय के समय.
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
2. अपने औजार, वाहन, मशीन या कार्यस्थल को साफ करें.
4. भगवान श्री हरि का स्मरण कर पहले उन्हें फूल अर्पित करें.
6. नीचे दिया गया मंत्र पढ़ते हुए ध्यान लगाएं:
7. मंत्र जाप के बाद अक्षत और फूल भगवान को अर्पित करें.
9. पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद वितरण करें.
क्या मिलेगा इस पूजा से?
जो भी व्यक्ति इस दिन श्रद्धा से पूजा करता है, उसके जीवन में तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं. माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा की कृपा से कारोबार में वृद्धि होती है, मशीनें बिना रुकावट चलती हैं और कार्यस्थल पर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.
भगवान विश्वकर्मा के 108 नाम
1. ॐ धराधराय नमः
3. ॐ विश्वरक्षकाय नमः
5. ॐ स्वर्गलोकाय नमः
7. ॐ विश्वलल्लभाय नमः.
9. ॐ धीराय नमः
11. ॐ परात्मने नमः
13. ॐ धर्मात्मने नमः
15. ॐ श्वेतवस्त्राय नमः
17. ॐ अन्ताय नमः
19. ॐ अतलाय नमः
21. ॐ अनन्तमुखाय नमः
23. ॐ अनन्तयक्षुय नमः
25. ॐ अनन्तशक्तिभूते नमः
27. ॐ त्रिनेत्राय नमः
29. ॐ ज्ञानमुद्राय नमः
31. ॐ सूत्रधराय नमः
33. ॐ जनलोकाय नमः
35. ॐ सत्यकोकाय नमः
37. ॐ सलातलाय नमः
39. ॐ रसातलाय नमः
41. ॐ मनुषपिणे नमः
43. ॐ हंसवाहनाय नमः
45. ॐ सत्यात्मने नमः
47. ॐ भूकल्पाय नमः
49. ॐ भुवलेकाय नमः
51. ॐ विश्वरुपाय नमः
53. ॐ विश्वकर्मणे नमः
55. ॐ विश्वस्माय नमः
57. ॐ विश्वधर्माय नमः
59. ॐ विश्वेक्ष्वराय नमः
61. ॐ विश्वधराय नमः
63. ॐ वास्तोष्पतये नमः
65. ॐ वर्मिणे नमः
67. ॐ विश्वेशाधिपतये नमः
69. ॐ विशभुंजाय नमः
71. ॐ देवाय नमः
73. ॐ पूर्णप्रभाय नमः
75. ॐ दुष्टदमनाथ नमः
77. ॐ स्थिर कराय नमः
79. ॐ पूर्णानंदाय नमः
81. ॐ सर्वेश्वरांय नमः
83. ॐ तेजात्मने नमः
85. ॐ कृतिपतये नमः
87. ॐ ब्रह्मांडाय नमः
89. ॐ त्रिभुवनाथ नमः
91. ॐ सर्वादये नमः
93. ॐ हर्षाय नमः
95. ॐ दुखहर्त्रे नमः
97. ॐ निर्विधाय नमः
99. ॐ निराधाराय नमः
102. ॐ निमोहाय नमः
104. ॐ शांतिदात्रे नमः
106. ॐ स्थवीराय नमः
108. ॐ निर्मोहय नमः