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सरकारी कार्यालय में गुम हुई फाइलों को ढूंढने के लिए अधिकारी और कर्मचारी इस मंदिर में लगाते हैं अर्जी

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Agency:Bharat.one Rajasthan

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Bikaner News : पुजारी बाबूलाल सेवग ने बताया कि यह मंदिर 400 साल से अधिक पुराना है. इस मंदिर की महाराजा राय सिंह जी ने इस मंदिर की स्थापना की थी. उस समय उन्होंने कहा था कि मंदिर की फेरी मत बनाना. अगर फेरी बनाई त…और पढ़ें

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बीकानेर के जूनागढ़ के पास चंचल हनुमान जी का मंदिर

हाइलाइट्स

  • बीकानेर के चंचल हनुमान मंदिर में खोई फाइलें ढूंढने आते हैं अधिकारी.
  • मंदिर 400 साल पुराना, महाराजा राय सिंह ने की थी स्थापना.
  • मंगलवार और शनिवार को सबसे ज्यादा भीड़ होती है.

बीकानेर. बीकानेर में कई प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर है. ऐसे में एक अनोखा मंदिर है जहां ज्यादातर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी आते है. वो भी विशेष प्रार्थना लेकर आते है. सुनने में भले ही अजीब लगेगा लेकिन यह सच है कि बीकानेर के इस मंदिर में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपने विभाग और अन्य गुम यानी खोई हुई फाइलों के नहीं मिलने पर वे सीधे इस मंदिर में आते है और प्रार्थना करते है और प्रसाद बोलते है. इसके बाद कुछ दिनों में यह गुम हुई फाइल मिल जाती है और भगवान के प्रसाद चढ़ाते है.

हम बात कर रहे है बीकानेर के जूनागढ़ के पास चंचल हनुमान जी का मंदिर है. इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों लोग आते है. इनमें ज्यादातर सरकारी अधिकारी और कर्मचारी होते है. बीकानेर के जिला कलेक्टर, यूआईटी और नगर निगम में सैकड़ों सरकारी कर्मचारी और अधिकारी में इस मंदिर को लेकर गहरी आस्था है.

पुजारी बाबूलाल सेवग ने बताया कि यह मंदिर 400 साल से अधिक पुराना है. इस मंदिर की महाराजा राय सिंह जी ने इस मंदिर की स्थापना की थी. उस समय उन्होंने कहा था कि मंदिर की फेरी मत बनाना. अगर फेरी बनाई तो जूनागढ़ का किले नहीं रहेगा. अगर किसी को फेरी लगानी होती है तो वो पूरे जूनागढ़ की पूरी फेरी लगाता है.

जिला कलेक्टर के कार्यालय में यह मान्यता है कि अगर कोई फाइल गुम हो जाती है तो वह फाइल मिल जाती है. इसके अलावा यहां की मान्यता इतनी विख्यात है कि दूर-दूर से लोग हनुमान जी के दर्शन कर अपना सामान ढूंढने की अर्जी लगाते हैं.  इस मंदिर में भी मंगलवार और शनिवार को सबसे ज्यादा भीड़ होती है.

एक सरकारी कर्मचारी ने बताया कि आसपास कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी यहां मंगलवार और शनिवार को धोक देने आते हैं. इसके अलावा अगर कोई चीज खो जाती है या कोई फाइल इधर उधर हो जाती है, तो हनुमान जी से मन्नत मांगने पर खोई हुई चीज वापस मिल जाती है. इसके बाद वो अपनी मन्नत के अनुसार दर्शन करते हैं, प्रसाद चढ़ाते हैं और कुछ लोग जूनागढ़ की परिक्रमा करते हैं. हर मंदिर में आपने देखा होगा कि मंदिर की परिक्रमा करने की जगह है, लेकिन इस मंदिर में ऐसा नहीं है.

यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर के जूनागढ़ में बना हुआ है. इस मंदिर को जूनागढ़ की दीवार पर बनाया गया था और मंदिर की परिक्रमा करने की कोई जगह नहीं है. ऐसे में जिन लोगों की मन्नत पूरी होती है और उन्होंने मन्नत पूरी होने के बाद परिक्रमा करने की बात कही होती है, तो वो लोग पूरे जूनागढ़ की परिक्रमा करते हैं. इसके अलावा कई भक्त अक्सर यहां आकर दर्शन करते हैं और भगवान को प्रसाद चढ़ाते हैं.

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सरकारी कार्यालय में गुम हुई फाइलों को ढूंढने के लिए कर्मचारी यहां लगाते अर्जी

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