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सोनभद्र में मनचाही मुरादें पूरी करती हैं मां काली, भक्तों का लगता है जमावड़ा, हजार वर्ष पुराना इतिहास

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अरविंद दुबे /सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में ऊंची पहाड़ी श्रृंखला पर स्थित मां काली का प्राचीन मंदिर भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. यह मंदिर सोनभद्र मुख्यालय से लगभग 23 किलोमीटर दूर, चोपन नगर के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है. मां काली के इस मंदिर की मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. न केवल उत्तर प्रदेश से, बल्कि मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के भक्त भी यहां दर्शन और पूजन के लिए आते हैं.

मां काली का यह मंदिर लगभग 1200 वर्ष पुराना बताया जाता है, और इसका सौंदर्य और पहाड़ी पर स्थित मनोरम दृश्य हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां हर दिन बड़ी संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं, यहां मैया मन की मुरादें पूरी करती हैं.

मंदिर तक कैसे पहुंचें
मंदिर तक पहुंचने के लिए वाराणसी-शक्तिनगर राज्य मार्ग से होकर आपको चोपन बस स्टैंड पर उतरना होगा. बस स्टैंड से ई-रिक्शा या ऑटो के माध्यम से मात्र 5-10 मिनट में आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं. ठहरने और खाने की यहां उत्तम व्यवस्था है. चोपन बस स्टैंड के पास कई होटल, धर्मशाला और लॉज भी उपलब्ध हैं, जहां कम कीमत में ठहरने की सुविधा मिलती है. साथ ही, आसपास शुद्ध शाकाहारी भोजन के कई विकल्प भी उपलब्ध हैं.

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
मंदिर के प्रधान पुजारी मनीष तिवारी ने Bharat.one से विशेष बातचीत में बताया कि यह मंदिर अगोरी किले से जुड़ा हुआ है. तकरीबन एक हजार वर्ष पहले, अगोरी किले पर ब्राह्मण राजा का शासन था, और उनके शासनकाल में ही यहां मां काली की मूर्ति स्थापित की गई थी. आज भी यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और उनकी सभी मुरादें मां काली के दर्शन और पूजन से पूरी होती हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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