Home Dharma 13 या 14 सितंबर…कब है जितिया व्रत, नहाय-खाय पारण का समय क्या...

13 या 14 सितंबर…कब है जितिया व्रत, नहाय-खाय पारण का समय क्या है? जानें ज्योतिषाचार्य से, निर्जला व्रत रखेंगी माता

0


Last Updated:

Jitiya Vrat Date 2025: इस बार जितिया व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा. यह निर्जला व्रत माताएं अपने बच्चे के लिए रखती हैं. इसमें भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है. व्रत का पारण 15 सितंबर को नवमी तिथि पर किया जाएगा.

देवघर. कहते हैं इस धरती पर मां का स्थान कोई नहीं ले सकता है. क्योंकि एक मां अपने बच्चे के लिये कुछ भी कर सकती है. मां अपने बच्चे की लंबी उम्र की कामना लिये पूरा दिन निर्जला व्रत रखती है, जिसे जितिया व्रत कहते हैं. जितिया व्रत हर साल आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की सप्तमी युक्त अष्टमी तिथि को रखा जाता है और नवमी तिथि के दिन इस व्रत का पारण किया जाता है.

शास्त्र के अनुसार यह व्रत हिंदू धर्म में सबसे लंबा और कठिन व्रत माना जाता है. जितिया व्रत में भगवान जीमूतवाहन की पूजा आराधना की जाती है. तो आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि कब रखा जाएगा जितिया व्रत और कितने घंटों का होगा इस साल का व्रत?

क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने जानकारी देते हुए कहा कि जितिया का व्रत हर साल आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की सप्तमी युक्त अष्टमी को रखा जाता है. सप्तमी तिथि को नहाए-खाए होने के साथ अष्टमी तिथि को व्रत रखा जाता है और नवमी तिथि को पारण किया जाता है. तो इस साल 13 सितंबर दिन शनिवार को नहाए-खाए हैं. महिलाएं इसी दिन नदी में स्नान कर तेल, खल्ली, झींगा के पत्तों पर रखकर भगवान जीमूतवाहन की पूजा आराधना करेंगी. उसके बाद माताएं अपने पुत्र के माथे पर वह चढ़ा हुआ तेल जरूर लगाएंगी.

14 सितंबर को ओठगन करके रखा जाएगा व्रत
इस साल 2025 में 14 सितंबर को सुबह 08 बजकर 41 मिनट तक सप्तमी है, उसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो रही है. सप्तमी युक्त अष्टमी तिथि 14 सितंबर रहने के कारण इसी दिन जितिया का व्रत रखा जाएगा. सनातन धर्म में उदयातिथि का महत्व होता है. इसलिए 14 सितंबर को सूर्योदय से पहले ओठगन कर लें यानी कुछ खा-पी लें. उसके बाद सूर्योदय से लेकर अगले सूर्योदय तक निर्जला व्रत करें.

नवमी तिथि को होगा व्रत का पारण
जितिया व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा और उसके अगले दिन 15 सितंबर को अष्टमी तिथि खत्म होते ही व्रत का पारण किया जाएगा. इस साल 2025 में 15 सितंबर सुबह 06 बजकर 15 मिनट में अष्टमी समाप्त होकर नवमी तिथि शुरू हो रही है. उसके बाद माताएं स्नान कर तुलसी में जल अर्पण कर व्रत का पारण कर सकती हैं.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

13 या 14 सितंबर…कब है जितिया व्रत, नहाय-खाय पारण का समय क्या है? जानें

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version