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Basant Panchami Kab Hai : बसंत पंचमी इस बार रविवार, 2 फरवरी को मनाई जाएगी. सरस्वती पूजा के दौरान माता को पीले रंग का वस्त्र पहनाया जाता है. पीत वस्त्र पहनकर ही मां की पूजा में बैठना शुभ समझा जाता है. सरस्वती पू…और पढ़ें
इस खास दिन पिला वस्त्र धारण करें
हाइलाइट्स
- सरस्वती पूजा में पीला रंग ज्ञान और ऊर्जा का प्रतीक है.
- पीले वस्त्र पहनना शुभ और समृद्धि का संकेत माना जाता है.
- पश्चिम बंगाल, बिहार, यूपी और ओडिशा में धूमधाम से मनाते हैं.
मधुबनी : सरस्वती पूजा के दौरान माता को पीले रंग का वस्त्र पहनाया जाता है. पीत वस्त्र पहनकर ही मां की पूजा में बैठना शुभ समझा जाता है. सरस्वती पूजा में पीले रंग को शुभ क्यों माना जाता है, इस दिन पीले वस्त्र पहनने और पीले रंग के भोजन का विशेष महत्व होता है, क्योंकि पीला रंग ज्ञान, ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. बसंत पंचमी इस बार रविवार, 2 फरवरी को मनाई जाएगी.
सरस्वती पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ज्ञान और संस्कृति के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर है. यह पर्व हमें शिक्षा और कला के महत्व को समझने की प्रेरणा देता है,और जीवन में सतत् ज्ञानार्जन की भावना को प्रोत्साहित करता है. इस दिन कई स्थानों पर भव्य झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. तो कहीं बच्चे अपने पहले लेखन (अक्षरारंभ) की शुरुआत भी इसी दिन करते हैं. कुछ ऐसा राज्य है जहां इसका बहुत महत्व है जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.
पीला वस्त्र क्यों पहनते ?
बहरहाल हर दिन हर रंग के कपड़े पहने को अच्छा बताया गया है लेकिन स्वस्वती पूजा के दिन सफेद या पीना वस्त्र धारण करने को बहुत शुभ माना जाता है. रंग से कनेक्टिविटी होता हैं. आचार्य राम कुमार झा Bharat.one को बताते हैं कि पीला रंग बुद्धि, ज्ञान, विवेक का प्रतीक माना जाता है. चूंकि बसंत पंचमी को ही हमें ज्ञान मिला इसलिए.
पीले रंगों का उपयोग सरस्वती पूजा को करें. इस रंग को वसंत पंचमी के दिन धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता, नव सृजन, अच्छे विचार, कलाकार, शोधकार्य आदि होता है. इस दिन सरस्वती पूजा को सभी सनातन को पिला या सफेद वस्त्र धारण करना चाहिए.
Madhubani,Bihar
February 01, 2025, 20:28 IST
सरस्वती पूजा पर क्यों पहनते हैं पीले वस्त्र, जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण