तेज पत्ता यानी बे लीफ, जो अक्सर रसोई में दाल-सब्ज़ी का स्वाद बढ़ाने के लिए डाली जाती है, वास्तु और टोटकों में भी बहुत काम की मानी जाती है. कहा जाता है कि तेज पत्ता में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने की ताकत होती है और सही तरीके से इसे प्रयोग करने पर पैसों की कमी दूर हो सकती है. आइए जानते हैं तेज पत्ता का यह खास टोटका कैसे करना है और इसमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
1. सबसे पहले एक बिलकुल साफ और ताज़ी तेज पत्ता लें. ध्यान रखें कि उसकी डंडी टूटी हुई न हो और उस पर कीड़े-मकोड़ों के निशान न हों.
2. अब हरे पेन से उतना ही पैसा लिखें जितनी आपको ज़रूरत है.यहाँ किसी का नाम या वजह लिखने की ज़रूरत नहीं है. बस सीधे-सीधे अपनी ज़रूरत की रकम लिख दें, चाहे वो कुछ हज़ार हो, लाखों हो या करोड़ों.
3. यह लिखते समय ध्यान रखें कि लिखना हमेशा तेज पत्ता की डंडी वाली साइड से शुरू करें और सीधी लाइन में आगे बढ़ते जाएं.
4. अब उस लिखी हुई पत्ता पर थोड़ा-सा दालचीनी पाउडर छिड़कें. माना जाता है कि दालचीनी से समृद्धि और आकर्षण बढ़ता है.
5. इसके बाद पत्ता को पान की तरह मोड़कर उसमें एक साबुत लौंग रख दें और अच्छे से बंद कर दें.
6. अब इस मोड़ी हुई पत्ता को किसी मिट्टी के बर्तन या धूपदान में रखें.
7. इसके ऊपर थोड़ा कपूर रखें और जलाकर इसे पूरी तरह भस्म कर दें.
8. जब ये जल जाए, तो इसकी राख को या तो पानी में बहा दें या फिर किसी ऐसी जगह डाल दें जहां पैर न लगें.
कब और कैसे करें ये उपाय?
1. इस उपाय को गुरुवार या शुक्रवार के दिन करना शुभ माना जाता है.
2. कोशिश करें कि इसे सुबह या शाम के समय शांति से करें.
3. उपाय करते समय मन को शांत रखें और विश्वास रखें कि आपके काम में सफलता मिलेगी.
तेज पत्ता को हमेशा से शुभता और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. कई ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार यह धन को आकर्षित करने की शक्ति रखती है. हरे रंग को समृद्धि और विकास से जोड़ा जाता है, इसलिए हरे पेन का इस्तेमाल जरूरी माना गया है. वहीं दालचीनी और लौंग दोनों ही ऐसे तत्व हैं जिन्हें घर की नकारात्मकता दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है.
ध्यान रखने वाली बातें
1. तेज पत्ता बिलकुल साफ-सुथरी होनी चाहिए.
2. रकम लिखते समय लालच न करें, बस उतना ही लिखें जितनी सच में ज़रूरत हो.
3. उपाय करने के बाद मन में कोई शक न रखें.