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Chandra Grahan ke Dauran Kya Kare or Kya na Kare: साल 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात को लगने जा रहा है. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो 3 घंटे 29 मिनट तक दिखाई देगा. इस खबर में जानिए सूतक काल क…और पढ़ें

सूतक काल का समय
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. यानी 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से ही सूतक काल मान्य होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस समय से ही पूजा-पाठ, भोजन और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है.
ग्रहण काल में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि रात 9:57 से 1:26 के बीच भोजन करना, सोना या यात्रा करना वर्जित माना जाता है. इस दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है. वाहन चलाना या गहरी नींद लेना भी अशुभ फल देने वाला बताया गया है.
धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं
चंद्र ग्रहण के समय शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि जब राहु और चंद्रमा की युति होती है तो ग्रहण लगता है और यह समय अशुभ प्रभाव वाला होता है. इसी कारण ग्रहण काल में बाल काटना या नाखून काटना मना है क्योंकि इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं.
ग्रहण काल के दौरान मंदिर में पूजा-पाठ करना, देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श करना या आरती करना दोष देने वाला माना गया है. इस समय तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए. तुलसी दल की जरूरत हो तो उसे सूतक काल शुरू होने से पहले ही तोड़ लेना चाहिए.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए नियम
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय खास सावधानी बरतनी चाहिए. इस दौरान घर से बाहर जाना, यात्रा करना, सोना या किसी धारदार वस्तु का उपयोग करना वर्जित है. मान्यता है कि इससे गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.

पिछले 5 साल से मीडिया में सक्रिय, वर्तमान में Bharat.one हिंदी में कार्यरत. डिजिटल और प्रिंट मीडिया दोनों का अनुभव है. मुझे लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें लिखना और पढ़ना पसंद है.
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