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Chhath Puja 2025: व्रतियों के स्वागत का अनोखा तरीका, 6100 दीपों से इलाका हुआ जगमग, 2 km तक दीये ही दीये  

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Chhath Puja 2025: महापर्व छठ पूजा पर जहानाबाद के नदियांवा गांव में आधुनिक दौर में भी एक अलग ही सजावट देखने को मिली, जहां व्रतियों के स्वागत में 2 किलोमीटर तक मिट्टी के दीये सड़क के दोनों छोर पर सजाए गए.

जहानाबाद. बिहार का महापर्व छठ पूजा अब समापन की ओर है. सुबह अर्घ्य होते ही यह पर्व संपन्न हो जायेगा. हालांकि, चार दिन के इस पर्व की महत्ता ही कुछ और होती है. तमाम तरह की तैयारियां इस पर्व के लिए की जाती है. इसी घाट की साफ सफाई से लेकर गली और सड़कों की भी सफाई होती है. इसके साथ ही व्रतियों के आने जाने वाले मार्ग को सजाया भी जाता है, जिसमें आधुनिक दौर की रंग बिरंगी लाइट्स भी होती हैं.

जहानाबाद से बिहार शरीफ जाने वाली सड़क पर भी जहानाबाद के नदियांवा गांव में आधुनिक दौर में भी एक अलग ही सजावट देखने को मिला, जहां व्रतियों के स्वागत में 2 किलोमीटर तक मिट्टी के दिए सड़क के दोनों छोर पर सजाए गए. 6100 दिए से 2 किमी का इलाका प्रकाश की रोशनी बिखेर रहा था. आने जाने वाले लोग ऐसा मान रहे थे, मानो हम अयोध्या में आए हुए हैं और वहां दीपोत्सव की तैयारी चल रही हो. यह पल काफी मंत्र मुग्ध करने वाला था.

2018 से होता आ रहा आयोजन
ये मिट्टी के बने दिए न सिर्फ सड़कों की रोशनी और इलाके का शोभा बढ़ा रही थी, बल्कि उन घरों में खुशियां ला रही थी, जहां उनके घर की रोजी रोटी इन्हीं दीपक से चलती हो. यह आयोजन न किसी पार्टी और संगठन के सहयोग से होता आ रहा है , बल्कि यह गांव के ग्रामीणों के सहयोग से हो रहा है. 2018 से ही सड़क के दोनों छोर पर मिट्टी के दिए जलाने का कार्य किया जा रहा है. यह पूरा आयोजन नदियांवा के लोग ही करते हैं. यह गांव मुख्य शहर से कुछ ही दूरी पर है.

ऐसे हुई शुरुआत
इस आयोजन को लेकर यहां के आयोजक विमल कुमार का कहना है कि हमारे यहां एक BSF जवान हैं, जो कहीं दूसरी जगह पर इस प्रकार का आयोजन करते हुए देखा था तो वहीं से उनको यह आइडिया आ गया, जिसके बाद यह आयोजन अपने यहां भी शुरू हुआ. तब से अब तक 6 साल बीत गए हैं और निरंतर यह चल रहा है. धीरे धीरे दीयों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. ये दीये पहली अर्घ्य और पारण के दिन जलाए जाते हैं.

पहली अर्घ्य और पारण को जलते हैं ये दीये
पहली अर्घ्य में दोपहर 3 बजे से ही इस कार्य में लग जाते हैं और रात भर जागकर दिए जलाते हैं. वहीं, पारण के दिन तक ये दीये जलते हैं. इसमें हमारे यहां के मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल रहते हैं.

Mohd Majid

with more than more than 5 years of experience in journalism. It has been two and half year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am cover…और पढ़ें

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