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Chhath Puja Kharna: खरना व्रत कल, दिनभर निर्जला उपवास के बाद ग्रहण करेंगे प्रसाद, जानें पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व

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Chhath Puja Kharna 2024: लोक आस्था के महापर्व छठ की नहाय-खाय के साथ शुरुआत हो चुकी है. यह पर्व संतान की प्राप्ति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है. इस पर्व में भगवान भास्कर और छठी मइया की पूजा का विधान है. नहाय-खाय के दिन व्रती गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करते हैं. इसके बाद शाम को सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है. इसके अगले दिन खरना का व्रत होता है. इस दिन की पूजा का विशेष महत्व है. अब सवाल है कि आखिर खरना का शुभ मुहूर्त क्या है? छठ पर कब दिया जाएगा अर्ध्य? इस बारे में Bharat.one को बता रहे हैं प्रतापविहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-

खरना 2024 की डेट?

लोक आस्था महापर्व के दूसरे दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को खरना मनाया जाता है. इस दिन व्रती दिन भर निर्जला उपवास रखती हैं. संध्याकाल में स्नान-ध्यान कर छठी मैया के निमित्त पूजा करती हैं. पूजा के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसके बाद निर्जला व्रत की शुरुआत होती है. इस वर्ष 06 नवंबर को खरना है.

खरना 2024 का शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 04:59 बजे से 05:52 बजे तक
सूर्योदय- सुबह 06:45 बजे पर
सूर्यास्त- शाम 09:26 बजे पर

खरना पूजा की विधि

खरना पूजन के दिन सबसे पहले उपासक को स्नानादि से निवृत हो जाना चाहिए. इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर साठी के चावल, गुड़ और दूध की खीर बनाना चाहिए. भोग को सबसे पहले छठ माता को अर्पित करें. अंत में व्रती को प्रसाद ग्रहण करना चाहिए.

खरना पूजा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरना का अर्थ है शुद्धता. यह दिन नहाए-खाय के अगले दिन मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अंतर मन की स्वच्छता पर जोर दिया जाता है. खरना छठा पूजा के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक हैं. ऐसा कहा जाता है, इसी दिन छठी मैया का आगमन होता है, जिसके बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है.

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