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Chitrakot News: यहां भक्तों को मुंह मांगा वरदान देती हैं देवी मां, आंखों की रोशनी भी आ सकती है वापस

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चित्रकूट: 3 अक्टूबर से नवरात्रि 2024 का पर्व चालू हो गया है और आज शारदीय नवरात्र का 5वां दिन है. ऐसे में देवी मंदिरों में भक्तो की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है. बात करें अगर धर्म नगरी चित्रकूट की हो तो यहां 52 शक्ति पीठों में से एक शिवानी शक्ति पीठ में देवी के भक्तो का तांता लगा रहता है. यहां श्रद्धालु दूर दराज से आकर देवी मां की श्रद्धा भाव से पूजा पाठ करते हुए नजर आ रहे हैं.

52 शक्ति पीठों में से एक है यह मंदिर
बता दें कि यह शक्ति पीठ चित्रकूट के मंदाकनी नदी के तट पर रामगिरी स्थान पर शिवानी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर फूलमती माता के नाम से भी विख्यात है. ऐसी मान्यता है कि माता शिवानी का दांया स्तन यहां पर कट कर गिरा था, जो यह 52 शक्ति पीठों में से एक शक्ति पीठ शिवानी शक्ति पीठ के रूप जाना जाता है.

भगवान राम भी कर चुके है मंदिर में पूजा
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भगवान श्रीराम वनवास आए थे, तो भगवान श्रीराम भी इस मंदिर में पूजा पाठ करते थे, जिसे उस समय वन देवी के नाम से जाना जाता था. तभी से इस विख्यात मंदिर में हजारों की तादाद में श्रद्धालु रोजाना दर्शन करने के लिए आते हैं और नवरात्र में तो देवी मां के दर्शन के करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सुबह से भक्तो की लंबी लाइन लगी रहती है. भक्त माता शिवानी का जल,पुष्प ,चुनरी आदि प्रसाद चढ़ाते हैं. जहां माता शिवानी खुले आसमान के नीचे बिराजमान हैं.

पुजारी ने दी जानकारी 
वहीं, मंदिर के पुजारी अजीत ने बताया है कि बहुत से भक्तों ने माता शिवानी को मंदिर बनाने का आग्रह किया, लेकिन माता रानी ने उन भक्तों को सपना दिखा देती हैं कि वह खुले आसमान में ही रहेंगी. पुजारी ने बताया कि माता दूसरों को छाया देती हैं, ऐसे में उन्हें छाया की आवश्यकता नहीं है.

इसीलिए माता शिवानी देवी खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं. वहीं, पुजारी ने बताया कि माता रानी सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं. कहा जाता है कि जिनके आंखों की रोशनी चली जाती है, माता रानी के दरबार में सच्चे मन से आराधना करने पर उसकी रोशनी वापस लौट आती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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