Dhanteras 2025 Date And Time: धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन यम यानि यमराज के लिए दीपक जलाते हैं, जिसे यम दीपम कहा जाता है. कभी यह धनतरेस के दिन तो कभी नरक चतुर्दशी के दिन होता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदयशी तिथि को मनाते हैं. धनतेरस को शाम के समय में माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. धनतेरस की शाम लोग सोना, चांदी, वाहन, मकान, दुकान, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी भी करते हैं. इस साल धनतेरस कब है? धनतेरस का शुभ मुहूर्त और यम दीपम का शुभ समय क्या है?
धनतेरस कब है?
ब्रह्म योग और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में धनतेरस
इस साल धनतेरस पर ब्रह्म योग और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है. धनतेरस के दिन प्रात:काल में ब्रह्म योग होगा, जो देर रात 1 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. वहीं पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दोपहर 3 बजकर 41 मिनट तक है, उसके बाद से उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है.
धनतेरस शुभ मुहूर्त

18 अक्टूबर को धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 1 घंटा 4 मिनट तक है. धनतेरस की पूजा का शुभ समय शाम को 7 बजकर 16 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक है. इस समय में आपको माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की पूजा करनी चाहिए.
धनतेरस का ब्रह्म मुहूर्त 04:43 ए एम से 05:33 ए एम तक है, वहीं उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:43 ए एम से दोपहर 12:29 पी एम तक है.
धनतेरस यम दीपम का समय
धनतेरस पर प्रदोष काल में यम के लिए दीपक जलाते हैं. धनतेरस पर यम दीपम का समय शाम को 05 बजकर 48 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 20 मिनट तक है. घर के बाहर दक्षिण दिशा में यमराज के लिए दीपक जलाते हैं. यमराज मृत्यु के देवता हैं. यम दीपक जलाने से परिवार के सदस्य अकाल मृत्यु से सुरक्षित रहते हैं.
धनतेरस का महत्व
धनतेरस के दिन धन, वैभव, सुख, संपत्ति आदि की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करते हैं. धनतेरस पर सोना, चांदी, प्रॉपर्टी आदि की खरीदारी करने से धन और वैभव बढ़ता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)