Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat Time at Shops and Offices: कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली या दिवाली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन ऑफिस, दुकान, कारखाने इत्यादि हर जगह लक्ष्मी-गणेश का पूजन किया जाता है और उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. दिवाली का महत्व वैदिक दृष्टि से अत्यंत गहरा और पवित्र है. यह केवल दीप जलाने या उत्सव मनाने का पर्व नहीं, बल्कि आत्मिक प्रकाश और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है. शास्त्रों में इसे तमस से ज्योति की ओर ले जाने वाला पर्व कहा गया है अर्थात् अज्ञान से ज्ञान की ओर यात्रा. इस पावन उपलक्ष्य पर व्यापारिक प्रतिष्ठान, फ्रैक्ट्री, दुकान, ऑफिस में पूजा का समय जानें…
दिवाली केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी भारत का सबसे बड़ा पर्व है. इस समय बाज़ारों में रौनक लौट आती है, छोटे व्यापारी से लेकर बड़ी कंपनियां तक सबकी कमाई का मौसम होता है. नई खरीदारी, नए कपड़े, मिठाइयां और उपहारों के साथ हर घर में नया आरंभ का संदेश गूंजता है. साथ ही, यह त्योहार परिवार और समाज को जोड़ने वाला अवसर भी है, जब लोग दूरियों को मिटाकर एक-दूसरे के साथ खुशी बांटते हैं, माफ करते हैं और रिश्तों में नई शुरुआत करते हैं.

दुकान, कारखाने और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2025
20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से शाम 5 बजे तक का समय
प्रदोष काल – शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 18 मिनट तक
वृषभ काल – शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 9 बजकर 3 मिनट तक
ऑफिस वालों के लिए लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2025
दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से शाम 5 बजे तक
किसान और व्यापारियों के लिए दिवाली पूजन मुहूर्त 2025
20 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 32 मिनट से रात 9 बजकर 28 मिनट तक
नए व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन का समय – शाम 5 बजकर 55 मिनट से शाम 7 बजकर 25 मिनट तक
पुराने व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन का समय – दोपहर 3 बजकर 25 मिनट से शाम 4 बजकर 55 मिनट तक
छात्रों के लिए गणेश-लक्ष्मी पूजन मुहूर्त (अमृत) – शाम 5 बजे से लेकर 6 बजकर 30 मिनट तक
साधको के लिए (लाभ)- रात 12 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 55 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (प्रदोष काल)- शाम 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट तक
दीपावली 2025- निशिता काल पूजा मुहूर्त
मां लक्ष्मी की पूजा निशिता काल सबसे उत्तम माना जाता है. इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करने से उनका स्थाई वास होता है. निशिता काल रात के मध्य का वह समय होता है, जब दिन और रात का संतुलन अधिक साफ होता है. यह समय पवित्र और संकट मोचन कहलाता है.
निशिता काल- रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
सिंह लग्न काल- सुबह 1 बजकर 38 मिनट से 3 बजकर 56 मिनट तक