Home Dharma Diwali Puja Muhurat 2025: दीपावली पर ऐसा संयोग सालों बाद! उज्जैन के...

Diwali Puja Muhurat 2025: दीपावली पर ऐसा संयोग सालों बाद! उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से जानें लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ समय

0


Last Updated:

Diwali Puja Muhurat 2025 Time: इस वर्ष दीपावली 20 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या पर मनाई जाएगी. उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला के अनुसार, इस दिन चंद्र हस्त योग बन रहा है जो अत्यंत शुभ है. लक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ समय प्रदोष काल शाम 5:54 से 8:24 बजे तक रहेगा.

हिंदू धर्म में दिवाली को ‘दीपों की रोशनी’ का पर्व माना जाता है. पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दीपावली मनाई जाती है. इस दिन पूरे देश को दीयों की रोशनी से रौशन करते हुए धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को पूजा जाता है.

इस बार दीपावली पर्व काफ़ी शुभ सयोंग मे मनाया जाएगा. क्युंकि इस दिन कई शुभ योग्य बन रहे हैं. इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर, सोमवार को दोपहर 3 बजकर 45 मिनट पर चतुर्दशी समाप्त होगी और अमावस्या तिथि का आरंभ होगा. इसी दिन पूरे देश में दीपावली का पर्व मनाया जाएगा.

ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला के अनुसार, इस बार दीपावली पर चंद्र हस्त नाम का विशेष योग बन रहा है. यह योग वर्षों बाद बनता है और इस बार सोमवार के दिन हस्त नक्षत्र का संयोग रहेगा. हस्त नक्षत्र में चंद्रमा का प्रभाव अत्यंत शुभ माना जाता है

उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित अमर डब्बे वाला ने बताया कि 20 अक्टूबर को सोमवार के दिन सायं काल 5:54 से लेकर के 8:24 तक महालक्ष्मी का पूजन इस प्रकार भी किया जा सकता है. प्रदोष काल में इस प्रकार से करें पूजन सर्वप्रथम पूर्व या पश्चिम दिशा में गोबर गोमूत्र के माध्यम से एक चौका लेपन करें और लकड़ी की चौकी स्थापित करें.

उसके बाद उस पर सूती लाल वस्त्र आच्छादित करें तत्पश्चात माता महालक्ष्मी महाकाली महा सरस्वती की धातु की मूर्ति अथवा चांदी के सिक्के पर अंकित मूर्ति पत्र को एक पीतल की थाली में चावल रखकर के स्थापित करें. उसके बाद शुद्ध गंगाजल तथा पंचामृत और सुगंधित द्रव्य से अभिषेक करें. कामना भेद के अनुसार फलों के रस के माध्यम से भी अभिषेक पूजन किया जा सकता है.

यह अभिषेक वैदिक मंत्रों तथा स्तोत्र पाठ के माध्यम से करना चाहिए स्वयं नहीं कर पाते हैं, तो किसी वैदिक पंडित जी के माध्यम से क्रिया पद्धति संपादित करवानी चाहिए. शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी के प्रकट होने का समय प्रदोष काल में बताया गया है. इस बार प्रदोष काल शाम 5 बजकर 54 मिनट से आरंभ होकर 8 बजकर 24 मिनट तक रहेगा.

ज्योतिषाचार्य अक्षत व्यास ने बताया कि तिथि की अवधि आम तौर पर 55 घटियों से लेकर 65 घटियों तक हो सकती है. धर्मशास्त्र में वर्ष के चार प्रकार बताए गए हैं. चंद्र वर्ष, सावन वर्ष, सौर वर्ष और बृहस्पति वर्ष. पर्व प्रायः चंद्र वर्ष के अनुसार मनाए जाते हैं, जिसमें एक वर्ष लगभग 354 दिन का होता है.

चंद्र वर्ष की तिथि का मान निश्चित न होने के कारण भारत की भौगोलिक स्थिति के अनुसार तिथियों में भी अंतर होता है.चतुर्दशी यानी 20 अक्टूबर की शाम को ही दिवावली पर्व रहेगा. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में अलग-अलग शहरों में करीब एक घंटे का अंतर होता है, इसलिए दिवाली का शुभ मुहूर्त व समय स्थानीय पंचांग और ज्योतिषाचार्यों से पूछकर तय करना चाहिए. साथ ही उज्जैन महालक्ष्मी पूजन का सर्वोत्तम समय शाम के प्रदोष काल — 5:54 से 8:24 बजे तक है. इस लग्न में गृहस्थ, किसान, विद्यार्थी और व्यापारी वर्ग को लक्ष्मी पूजन करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा इन मुहूर्त में भी लक्ष्मीपूजन से विशेष लाभ प्राप्त होगा. मध्य रात्रि — 12:30 बजे, अपर रात्रि — 1:30 बजे और ब्रह्म मुहूर्त — 3:30 से 5:00 बजे तक रहेगा.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

Diwali 2025: उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से जानें लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ समय

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version