गणेश जी को दूर्वा और मौली से समर्पण
गणेश जी की पूजा में दूर्वा और मौली का खास महत्व है. सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि गणेश जी को जो चीज़ समर्पित की जा रही है, उसे मौली से बांधना चाहिए. धागे या किसी दूसरी चीज से बांधना सही नहीं माना जाता. उदाहरण के लिए अगर आप गणेश जी को दूर्वा अर्पित कर रहे हैं, तो दो बार ही उसे लपेटकर बांधें. इससे पूजा का प्रभाव बढ़ता है और भगवान की कृपा जल्दी मिलती है.
कुछ लोगों के पास गणेश जी की मूर्ति होती है जिसमें दांत टूटा होता है. इस स्थिति में मूर्ति को विशेष ध्यान से पूजा करनी चाहिए. टूटा हुआ दांत दुर्भाग्य और कठिनाई को दर्शाता है, लेकिन सही पूजा से इसे सकारात्मक ऊर्जा में बदला जा सकता है. ऐसे मूर्ति को समर्पण करते समय ध्यान रखें कि दुर्गा या अन्य देवी-देवताओं का प्यार और श्रद्धा भी इसमें शामिल हो. इससे आपकी कामनाएं पूरी होने में मदद मिलती है.
गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने का तरीका आपकी इच्छा पर भी निर्भर करता है
1. प्रगति और वृद्धि के लिए: 11 दूर्वा अर्पित करें.
2. सिद्धि और सफलता के लिए: 7 दूर्वा अर्पित करें.
3. परीक्षा में सफलता और ज्ञानवर्धन के लिए: 5 दूर्वा अर्पित करें.

प्रेम और श्रद्धा का महत्व
किसी भी पूजा में सिर्फ नियमों का पालन नहीं, बल्कि श्रद्धा और प्रेम होना जरूरी है. गणेश जी को अर्पित करते समय अपने मन में सच्चा प्रेम और भक्ति रखनी चाहिए. इससे पूजा में ऊर्जा बढ़ती है और आपके प्रयास जल्दी सफल होते हैं.