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Ganesh Idol Worship। गणेश पूजा विधि

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Ganesh Puja Rituals: गणेश जी की पूजा हर घर में खुशियों और सौभाग्य लाने के लिए की जाती है. खासकर जब कोई नया काम शुरू करना हो या पढ़ाई में सफलता चाहिए, तब उनकी उपासना का महत्व और बढ़ जाता है, लेकिन कई लोग पूजा करने के सही तरीके नहीं जानते या छोटी-छोटी गलतियों से पूजा का असर कम कर देते हैं. गणेश जी को समर्पित चीज़ें जैसे दूर्वा, मौली और अन्य सामग्री सही तरीके से चढ़ाना जरूरी है. आज हमें बताएंगे ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी कि कैसे आप गणेश जी की पूजा को सरल और असरदार बना सकते हैं, जिससे आपके काम, पढ़ाई और जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सके. गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, यानी वे जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं. उनकी पूजा करने से घर में शांति और समृद्धि आती है और कार्यों में तेजी से सफलता मिलती है. यही कारण है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति पूजन से होती है. इसलिए सही नियमों और सरल उपायों को जानना बेहद जरूरी है.

गणेश जी को दूर्वा और मौली से समर्पण
गणेश जी की पूजा में दूर्वा और मौली का खास महत्व है. सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि गणेश जी को जो चीज़ समर्पित की जा रही है, उसे मौली से बांधना चाहिए. धागे या किसी दूसरी चीज से बांधना सही नहीं माना जाता. उदाहरण के लिए अगर आप गणेश जी को दूर्वा अर्पित कर रहे हैं, तो दो बार ही उसे लपेटकर बांधें. इससे पूजा का प्रभाव बढ़ता है और भगवान की कृपा जल्दी मिलती है.

टूटे हुए दांत वाली मूर्ति का महत्व
कुछ लोगों के पास गणेश जी की मूर्ति होती है जिसमें दांत टूटा होता है. इस स्थिति में मूर्ति को विशेष ध्यान से पूजा करनी चाहिए. टूटा हुआ दांत दुर्भाग्य और कठिनाई को दर्शाता है, लेकिन सही पूजा से इसे सकारात्मक ऊर्जा में बदला जा सकता है. ऐसे मूर्ति को समर्पण करते समय ध्यान रखें कि दुर्गा या अन्य देवी-देवताओं का प्यार और श्रद्धा भी इसमें शामिल हो. इससे आपकी कामनाएं पूरी होने में मदद मिलती है.
उद्देश्य अनुसार दूर्वा अर्पित करना
गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने का तरीका आपकी इच्छा पर भी निर्भर करता है
1. प्रगति और वृद्धि के लिए: 11 दूर्वा अर्पित करें.
2. सिद्धि और सफलता के लिए: 7 दूर्वा अर्पित करें.
3. परीक्षा में सफलता और ज्ञानवर्धन के लिए: 5 दूर्वा अर्पित करें.
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यह संख्या पूजा में नियम के रूप में मानी जाती है और इससे लक्ष्यों को प्राप्त करने में आसानी होती है.

प्रेम और श्रद्धा का महत्व
किसी भी पूजा में सिर्फ नियमों का पालन नहीं, बल्कि श्रद्धा और प्रेम होना जरूरी है. गणेश जी को अर्पित करते समय अपने मन में सच्चा प्रेम और भक्ति रखनी चाहिए. इससे पूजा में ऊर्जा बढ़ती है और आपके प्रयास जल्दी सफल होते हैं.

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