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Ganesh Puja Aarti 2024: गणेश चतुर्थी पर करें गणेश जी की प्रसिद्ध आरती, हर मनोकामना पूरी करेंगे गणपति, जानें सही विधि

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गणेश चतुर्थी का पावन पर्व 7 सितंबर शनिवार को है. इस शुभ अवसर पर लोग गणेश जी का जन्मोत्सव मनाते हैं. अपने घरों पर लोग गणपति बप्पा की मूर्तियां स्थापित करते हैं. व्रत रखकर शुभ मुहूर्त में विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करते हैं. कोई भी पूजा आरती के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती है. पूजा के अंत में आरती करने से पूजन में हुई कमियां भी पूरी हो जाती हैं. आरती में देवी और देवता का गुणगान किया जाता है. गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की पूजा के समय गणेश जी आरती करना न भूलें. गणेश जी की प्रसिद्ध आरती है जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं कि गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की आरती करने की विधि क्या है?

गणेश आरती की सही विधि
गणेश चतुर्थी पर पूजा का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 03 मिनट से प्रारंभ है. इस समय में आप गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना अपने घर पर विधि विधान से करें. फिर उनका पूजन अक्षत्, फूल, चंदन, सिंदूर, दूर्वा, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि से कर लें. पूजन के अंत में मिट्टी या पीतल के दीपक में गाय का घी रख लें. उसमें रूई से बनी हुई बाती लगाएं. इसके बाद आरती के लिए दीपक जलाएं.

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यदि आपके आप दीपक की व्यवस्था नहीं है तो कपूर भी जलाकर आरती कर सकते हैं. अब आप शंख, घंटी आदि को बजाते हुए आरती प्रारंभ करें. सभी लोग एक स्वर में गणेश जी की आरती जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा…गाएं. आरती खत्म होने पर उस जलते हुए दीपक को पूरे घर में लेकर जाएं. इससे घर की नकारात्मकता दूर होगी. बाद में उस दीपक को शांत करके एक ओर रख दें. उसके बाद गणेश जी से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना कर लें. उनकी कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं. आपकी सुविधा के लिए गणेश जी की प्रसिद्ध आरती नीचे दी गई है.

गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

एकदंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डू के भोग लगे संत करें सेवा।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

अंधे को आंख देत कोढिन को काया।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

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‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा।।

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