Home Dharma Gita Updesh: जीवन में सही निर्णय कैसे लें? भगवान श्रीकृष्ण नें गीता...

Gita Updesh: जीवन में सही निर्णय कैसे लें? भगवान श्रीकृष्ण नें गीता में दिया है इसका ज्ञान, ध्यान रखें ये 5 बातें

0


Last Updated:

भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सही निर्णय लेने के लिए मानसिक स्थिरता, निष्काम कर्म और आत्मविश्वास की शिक्षा दी है. निर्णय लेते समय भावनाओं से बचें और खुद से सवाल करें.

Gita Updesh: भगवद गीता के अनुसार जीवन में सही निर्णय कैसे लें?

Gita Updesh: जीवन में सही निर्णय कैसे लें? भगवान श्रीकृष्ण नें गीता में दिया है इसका ज्ञान, ध्यान रखें ये 5 बातें

हाइलाइट्स

  • निर्णय लेते समय भावनाओं से बचें.
  • खुद से सवाल करें, फिर निर्णय लें.
  • निष्काम कर्म और आत्मविश्वास रखें.

Gita Updesh: हमें जीवन के हर मोड़ पर निर्णय लेने होते हैं. फिर चाहे वह रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा कोई छोटा सा निर्णय हो या फिर जिंदगी भर के लिए लेने वाला कोई बड़ा निर्णय हो, लेकिन कोई भी निर्णय लेने में हमारे पास च्वॉइस करने का ऑप्शन जरुर होता है जिसमें हम हमेशा कन्फ्यूज हो जाते हैं. लेकिन कुछ निर्णयों को स्थिति तो ऐसी होती है जो कि हम एक बार ले लें तो उसे दोबारा बदला जाना मुमकिन नहीं होता है. ऐसी स्थिति में अकसर हम घबरा जाते हैं.

लेकिन आपको बता दें कि भगवद गीता में हमारे सभी सवालों व उलझनों का हल मिल जाता है. भगवद गीता कृष्ण के शब्द और विचार हैं जो मानवता और जीवनशैली को बेहतर बनाने में हमारी मदद करते हैं. महाभारत के दौरान युद्धभूमि में श्रीकृष्ण ने अर्जुन ऐसी कई सारी बातें कहीं जो की आपको जीवन में सही और गलत के बीच असमंजस्य की स्थिति में सही निर्णय लेने के आपकी मदद करती हैं.

तो अगर आपके साथ भी ऐसी कोई स्थिति निर्मित हो रही है जो कि आपको निर्णय लेने में कठिनाईयां दे रही हैं तो ऐसे में आप श्रीमद्भगवत गीता की कुछ बातों को ध्यान में रखेंगे तो आपको सही और उचित निर्णय लेने में मदद जरुर मिलेगी. तो आइए भोपाल निवासी भगवताचार्य पंडित राघवेंद्र शास्त्री से जानते हैं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कही बातें जो हमें जीवन में सही निर्णय लेने में मददगार साबित होती हैं.

अपने-परायों के आधार पर निर्णय लेने से बचें
जीवन भावनाओं से भरा होता है, इसलिए हमें अकसर अपने करीबी लोगों के बारे में निर्णय लेने में असमंजस्य की स्थिति में डाल देता है, क्योंकि हमारी भावनाएं और संवेदनाएं उनके साथ जुड़ी होती हैं. कुरुक्षेत्र में अर्जुन के लिए भी यही स्थिति थी, क्योंकि वह युद्ध में अपने भाईयों से युद्ध कर रहा था. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि निर्णय कभी संवेदनाओं व अपने या परायों को देखते हुए नहीं बल्कि मानसिक तौर पर लेने चाहिए.

यह भी पढ़ें- Shukravar Ke Upay: शुक्रवार की रात कर लें 8 दीपों का ये महाउपाय, मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर देंगी धनवान बनने का आशीर्वाद!

अत्यधिक भावनाओं में निर्णय लेने से बचें
भगवत गीता के अनुसार, व्यक्ति को भी कोई निर्णय उस समय नहीं लेना चाहिए जिस समय आप खुश या दुखी होते हैं, क्योंकि इस समय आपका मन स्थिर नहीं होता और अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है. जब आप खुश होते हैं तो आपका निर्णय हमेशा ‘हाँ’ के रूप में होता है और अत्यधिक दुख के समय में आपका निर्णय ‘नहीं’ के रूप में होता है, इसलिए आपको इन परिस्थितियों में निर्णय लेने से बचना चाहिए और निर्णय उस समय लें जब आपका मन स्थिर रहे.

खुद से सवाल करें, फिर निर्णय लें
श्रीमद्भगवत गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि जब आपको निर्णय लेना हो तो उससे पहले खुद से सवाल करें कि मैं ये फैसला भावुकता में आकर ले रहा हूं या फिर क्रोधति होकर ले रहा हूं. क्योंकि व्यक्ति निष्पक्ष भाव से फैसला तभी ले सकता है जब वह खुद में आंकलन करते हुए निर्णय ले. वहीं जब आप अपने जवाब से संतुष्ट नहीं हों तो निर्णय लेने से बचें.

यह भी पढ़ें- Vastu Tips For Money: लॉकर के इस दिशा में रखें अपना पैसा, फिर देखें चमत्कार, बढ़ने लगेगी Income!

निष्काम कर्म
गीता में श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि जब भी आप कोई कर्म करें उसे निष्काम भाव से करें, क्योंकि निष्काम भाव से किये कर्मों के फल अच्छे होते हैं और निर्णय भी सही होते हैं. किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए कर्म करना आपके हाथ में है, लेकिन उसके परिणाम आपके हाथ में नहीं हैं.

जो भी कार्य करें उसपर विश्वास बनाए रखें
हमें हमेशा अपने कर्म और निर्णयों में विश्वास रखना चाहिए. भगवान कृष्ण भगवद गीता में हमें खुद पर विश्वास करने और अपने कर्म करते रहने की शिक्षा देते हैं. अगर हमें अपने ऊपर विश्वास नहीं है, तो हम अपने जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते. इसलिए अपने निर्णयों पर हमेशा टिके रहना चाहिए और खुद पर व भगवान पर विश्वास रखते हुए यथार्थवादी निर्णय लें.

homedharm

Gita Updesh: भगवद गीता के अनुसार जीवन में सही निर्णय कैसे लें?

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version