हनुमान जयंती का पावन पर्व चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को है. उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वीर हनुमान जी रुद्रावतार हैं, उनका जन्म राम काज को पूरा करने के लिए हुआ. प्रभु राम को सुग्रीव से मित्रता, माता सीता की खोज, लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा, पाताल से राम और लक्ष्मण को नाग पाश से मुक्ति दिलाने समेत कई महत्वपूर्ण कार्य हनुमान जी ने किया. हनुमान जी ने राम नाम की महत्ता को पूरे संसार तक पहुंचाया. वे सकंटमोचन हैं, सभी संकटों का दूर करते हैं. हनुमान जयंती पर व्रत रखकर बजरंगबली की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार हनुमान जयंती के दिन भद्रा का साया है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि हनुमान जयंती कब है? हनुमान जयंती का मुहूर्त, पूजा सामग्री, भद्रा का समय क्या है?
हनुमान जयंती 2025 तारीख
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार हनुमान जयंती के लिए चैत्र पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को 03:21 एएम से लेकर 13 अप्रैल को 05:51 एएम तक है. सूर्योदय की तिथि के आधार पर देखा जाए तो इस साल हनुमान जयंती 12 अप्रैल दिन शनिवार को मनाई जाएगी.
हनुमान जयंती 2025 मुहूर्त
12 अप्रैल को हनुमान जयंती पर ब्रह्म मुहूर्त 04:29 ए एम से 05:14 ए एम तक है, वहीं उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:56 ए एम से दोपहर 12:48 पी एम तक है. उस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 पी एम से 03:21 पी एम तक है. इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद स्नान कर लें. व्रत का संकल्प करने के बाद हनुमान जी की पूजा करें.
हनुमान जयंती 2025 भद्रा का समय
हनुमान जयंती के अवसर पर भद्रा का साया लग रहा है. भद्रा का प्रारंभ सुबह में 05 बजकर 59 मिनट से हो रहा है, जो शाम 04 बजकर 35 मिनट तक है. भद्रा का वास स्थान पाताल लोक में है. हालांकि भद्रा के समय पूजा पाठ करने की मनाही नहीं है.
हनुमान जयंती 2025 पूजा सामग्री
1. हनुमान जी की एक मूर्ति या तस्वीर
2. लाल फूल, माला, लाल रंग के वस्त्र, लाल लंगोट
3. अक्षत्, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य, चरण पादुका, जनेऊ
4. मिट्टी या पीतल का दीपक, गाय का घी, चमेली का तेल
5. पान का पत्ता, सुपारी, इलायची, लौंग या पान का एक जोड़ा बीड़ा
6. लाल सिंदूर, हनुमान जी का एक ध्वज, हनुमान चालीसा
7. शंख, घंटी, भोग के लिए बूंदी के लड्डू
हनुमान जयंती 2025 पूजा मंत्र
मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
मनोकामना पूर्ति मंत्र: महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये.
हनुमान जी का मूल मंत्र- ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः, हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्.
हनुमान जी की पूजा के फायदे
यदि आपकी कुंडली में मंगल का दोष है या मंगल का अशुभ प्रभाव है तो आपको मंगलवार का व्रत रखकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. किसी जटिल कार्य को करने के लिए हनुमान जी की पूजा के समय बजरंग बाण का पाठ करें. इससे वह कार्य पूर्ण होगा. हनुमान जी की कृपा पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना भी लाभदायक होता है.
