Hindu Wedding Rituals: हिन्दू धर्म में विवाह को सिर्फ दो लोगों का बंधन नहीं माना गया है और ना ही सिर्फ वंश बढ़ाने का जरिया. इसे सात जन्मों का पवित्र बंधन माना गया है और इसलिए इसमें कई सारे रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है. लेकिन, परंपरागत प्राचीन काल से ही शादियां रात में ही होती आई हैं और इससे जुड़े अधिकांश कार्य भी रात में ही किए जाते हैं. ऐसा क्यों है? और इसके पीछे का क्या कारण है? आइए जानते हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिष एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
ध्रुव तारा का होना
ज्योतिष शास्त्र में शादी के रात में होने का एक बड़ा कारण ज्योतिष गणना में ध्रुव तारा को माना गया है. पंडित जी के अनुसार, ध्रुव तारा स्थिरता का प्रतीक माना जाता है और इसलिए फेरों के बाद इसे देखा जाता है, जो कि सिर्फ रात के समय में ही नजर आता है.
रिश्तों में मधुरता आती है
ऐसा कहा जाता है कि आपकी शादी यदि ध्रुव तारे को देखकर हुई है तो आपके रिश्ते में भी स्थिरता आती है. साथ ही आपके रिश्तों में मधुरता आती है. जिससे आपके दांपत्य जीवन में खुशियां आएंगी और पति-पत्नी के बीच हमेशा प्यार बना रहेगा.
सुखमय होता है भविष्य
धु्व तारा को शुक्र तारा के नाम से भी जाना जाता है और शुक्र ग्रह को प्रेम के साथ-साथ भौतिक सुख सुविधाओं का ग्रह माना जाता है. साथ ही शुक्र को विवाह और वैवाहिक जीवन का कारक भी माना गया है. ऐसे में आप यदि धु्व तारे को देखकर विवाह करते हैं तो आपका दांपत्य जीवन सुखमय हो जाता है.
FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 11:38 IST
