करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. यह व्रत अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है. इस दिन पत्नी अपने पति की लंबी आयु और सुख दांपत्य जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती है. जिन युवतियों का विवाह तय हो गया है, वे भी करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं. इस व्रत में करवा माता, विघ्नहर्ता श्री गणेश, भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा करने का महत्व है. यह व्रत चतुर्थी के सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक रखा जाता है. चांद के निकलने का बाद पारण करके व्रत को पूरा करते हैं. जिन युवतियों को पहली बार करवा चौथ का व्रत रखना है, उनको पूजा सामग्री और मंत्र के बारे में जानना चाहिए. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं करवा चौथ की पूजा सामग्री और मंत्र के बारे में.
करवा चौथ 2024 मुहूर्त
इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर रविवार को रखा जाएगा. इस बार करवा चौथ व्रत पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 05:46 बजे से 07:02 बजे तक है. करवा चौथ पर शाम 07:54 बजे चांद निकलेगा. इस समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण करके व्रत को पूरा किया जाएगा.
करवा चौथ 2024 पूजा सामग्री
1. करवा माता और गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति
2. करवा माता के लिए चुनरी, नए कपड़े, गणेश जी और शंकर जी के लिए नए वस्त्र
3. मिट्टी का करवा, एक ढक्कन, एक थाली
4. चांद देखने के लिए एक छलनी, लकड़ी की एक चौकी
5. सोलह श्रृंगार की समाग्री, एक कलश, दीपक, रूई की बाती
6. कपूर, अगरबत्ती, गेहूं, लहुआ, 8 पूड़ियों की अठावरी
7. अक्षत्, हल्दी, चंदन, फूल, पान का पत्ता, कच्चा दूध, दही
8. शक्कर का बूरा, शहद, गाय का घी, रोली, कुमकुम
9. मौली या रक्षासूत्र, मिठाई, एक लोटा या गिलास, दक्षिणा
10. करवा चौथ व्रत कथा और आरती की एक पुस्तक
करवा चौथ 2024 पूजा मंत्र
करवा चौथ में माता पार्वती, विघ्नहर्ता गणेश और शिव जी की पूजा का विधान है, इसलिए उनके ही मंत्रों का उपयोग पूजन में होता है.
1. मां पार्वती की पूजा का मंत्र: देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परम् सुखम्। सन्तान देहि धनं देहि सर्वकामांश्च देहि मे।।
2. गणेश पूजा मंत्र: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
3. शिव पूजा मंत्र: ओम नम: शिवाय
करवा चौथ 2024 चंद्रमा को अर्घ्य देने का मंत्र
करवा चौथ को चंद्रोदय होने पर चंद्रमा की पूजा करते हैं. चंद्रमा को कच्चा दूध, गंगाजल, अक्षत्, फूल आदि से अर्घ्य देते हैं. इसके लिए आपको अर्घ्य देने के मंत्र का उच्चारण करते हैं.
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥
FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 12:01 IST
