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Mahakubh 2025: माघी पूर्णिमा पर कर रहे हैं स्नान तो पहले देख लें शुभ मुहूर्त, इसके बाद जरूर करें ये काम

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Agency:Bharat.one Uttar Pradesh

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Prayagraj: महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. अगर आप भी इस दिन संगम पर स्नान कर रहे हैं तो जान लें कि शुभ मुहूर्त क्या है. साथ ही किसकी पूजा करने से ज्यादा लाभ मिलेगा.

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माघी पूर्णिमा स्न्नान

हाइलाइट्स

  • माघी पूर्णिमा स्नान का शुभ समय 11 फरवरी शाम 6:30 से 12 फरवरी शाम 6:45 तक है.
  • ब्रह्म बेला में स्नान अधिक फलदायी माना जाता है.
  • स्नान के बाद ब्राह्मणों को दान और भगवान विष्णु की पूजा करें.

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में पहली बार देखने को मिल रहा है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान के बाद भी माघी पूर्णिमा पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने प्रयागराज संगम पहुंच रहे हैं. सोमवार को ही एक दिन में 1 करोड़ 60 लाख श्रद्धालुओं ने संगम पर स्नान किया. ऐसे में यह संख्या बताती है कि माघी पूर्णिमा के दिन आस्था का सैलाब और भी बड़ा होने वाला है. लेकिन श्रद्धालुओं को इस विशेष बात का ध्यान देना होगा कि माघी पूर्णिमा के स्नान के लिए कौन सा समय शुभ है, जिससे उन्हें अधिक पुण्य मिले.

कल है माघी पूर्णिमा
मौनी अमावस्या और मकर संक्रांति के बाद अब 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान होगा, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के संगम पर डुबकी लगाने की संभावना है. इस संदर्भ में Bharat.one से बातचीत करते हुए आचार्य अंबुज द्विवेदी बताते हैं कि 11 फरवरी की शाम 6:30 बजे से 12 फरवरी की शाम 6:45 बजे तक स्नान का शुभ समय है. हालांकि, 12 फरवरी के दिन ब्रह्म बेला में किया गया स्नान अधिक फलदायी होगा.

उन्होंने बताया कि 11 फरवरी की शाम 6:30 बजे से स्नान का समय शुरू हो जाएगा, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त किसी भी व्यक्ति के लिए नित्य क्रिया करने का सबसे शुभ समय माना जाता है. इस दौरान स्नान करने से मन, वाणी और कर्म से शांति प्राप्त होती है और विशेष पुण्य लाभ भी मिलता है.

स्नान के बाद दान जरूर करें
Bharat.one से बात करते हुए आचार्य अंबुज द्विवेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं को माघी पूर्णिमा के दिन अपने आसपास स्थित किसी भी पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगानी चाहिए. अगर वे बनारस, काशी, हरिद्वार या प्रयागराज में स्नान करें, तो यह और भी शुभ माना जाता है. स्नान के बाद ब्राह्मणों को दान जरूर देना चाहिए. इसके अलावा, पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. अगर संभव हो, तो श्रद्धालुओं को सत्यनारायण कथा भी जरूर सुननी चाहिए. ऐसा करने से सभी प्रकार के कष्ट और पाप खत्म  होते हैं और शुभ फल मिलता है.

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माघी पूर्णिमा पर कर रहे हैं स्नान तो पहले देख लें शुभ मुहूर्त, ये भी जरूर करें

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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