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Mahakumbh 2025: बालकानंद गिरि जी महाराज ने दिया युवाओं की सफलता का मंत्र, कोई नहीं करेगा सुसाइड, माता-पिता करें ये काम

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Mahakumbh 2025: प्रयागराज के महाकुंभ में श्री पंचायती अटल अखाड़ा के पीठाधीश्वर बालकानंद गिरि जी महाराज ने आजकल के युवाओं की सफलता के लिए मंत्र दिया है, जिसका पालन करने से कोई भटकेगा नहीं. महाराज ने कहा कि सनातन…और पढ़ें

बालकानंद गिरि ने दिया युवाओं की सफलता का मंत्र, कोई नहीं करेगा सुसाइड

श्री पंचायती अटल अखाड़ा के पीठाधीश्वर बालकानंद गिरि जी महाराज.

प्रयागराज के महाकुंभ में सनातन धर्म के प्रचार, उत्तम संस्कार और सब की उन्नति का कार्य हो रहा है. संत समाज अपने ज्ञान और उपदेश से लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है. श्री पंचायती अटल अखाड़ा के पीठाधीश्वर बालकानंद गिरि जी महाराज ने आजकल के युवाओं की सफलता के लिए मंत्र दिया है, जिसका पालन करने से कोई भटकेगा नहीं. हालांकि उनके माता-पिता के लिए भी कुछ जरूरी बातें कही हैं.

युवाओं को जागृत कर रहा महाकुंभ
महाकुंभ में बालकानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म से युवा जुड़ा हुआ है, बस उसे जागृत करने की आवश्यकता महसूस हो रही थी और यह महाकुंभ 2025 उन युवाओं को जागृति प्रदान कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा मीडिया समाज का आईना है, मेरा इतना ही निवेदन है कि मीडिया दिव्य महात्माओं को दिखाए. कुछ समय से देख रहा हूं कि मीडिया किसी के नेत्र दिखा रही है, बाल दिखा रही है. हमारे भारत का जो मीडिया है, वह आंखों पर ज्यादा केंद्रित हो गया है. पूरी दुनिया भारत के ज्ञान को देखना चाहती है, भारत के संत समाज और सनातन धर्म को देखना चाहती है.

युवाओं के लिए सफलता का मंत्र
बालकानंद गिरि जी महाराज ने आजकल के युवाओं को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि हम अपने बच्चों को दबाव में ना डालें. उनके मन को पढ़ें और उनके भाव को पढ़कर वह जिस क्षेत्र में जाना चाहें, उसे उस क्षेत्र में जाने दें. यह बात ध्यान रखना चाहिए कि सभी बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक नहीं बन सकते हैं, बच्चों को उनके रुचि के अनुसार लक्ष्य की तरफ भेजें.

इन बातों को यादकर बच्चा नहीं करेगा सुसाइड
उन्होंने बच्चों में बढ़ते सुसाइड की प्रवृत्ति पर कहा कि मस्तिष्क में नकारात्मक रसायन और सकारात्मक रसायन दोनों ही बनते हैं, लेकिन नकारात्मक रसायन थोड़े समय के लिए होता है और इस समय पर अगर वे अपने परिवार, माता-पिता का ध्यान और उनकी सकारात्मक बातें याद आएं तो वह सुसाइड नहीं करेगा.

ऐसे में माता-पिता को बच्चों की स्मृति में ऐसे भाव पैदा करने चाहिए, जहां तुलना ना हो, उपेक्षा ना हो. यही स्मृति उसकी प्रज्ञा को जागृत कर देगी और वह सुसाइड करने की तरफ नहीं बढ़ेगा. माता-पिता का दायित्व है स्मृति, मति और प्रज्ञा को जागृत करना.

माताएं करें ये काम तो बच्चे होंगे संस्कारी
बालकानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि माताएं टीवी की बजाय शास्त्रों का अध्ययन करें या शास्त्र युक्त बातों की जानकारी लें. ऐसा करने से बच्चे संस्कारी होंगे. माता को अपने आचरण का शुद्धिकरण करना चाहिए.

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