मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत तिथि 2024: पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा मनाई जाएगी, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जातकों को मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होगी. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की उपासना करना और भी लाभकारी होता है, इससे साधक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती हैं. मार्गशीर्ष पूर्णिमा साल 2024 की अंतिम पूर्णिमा होगी.
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नियम : मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भक्त बहुत जल्दी उठते हैं और तुलसी के पौधे की जड़ों से स्नान करते हैं. स्नान करते समय ‘ओम नमो नारायण’ या गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान करना बहुत लाभकारी माना जाता है.
इस दिन भक्त अपने ‘इष्ट देवता’ को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर व्रत रखने और ‘सत्यनारायण कथा’ का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और सफलता मिलती है. व्रत पूरे दिन जारी रहता है और भक्त कुछ भी खाने या पीने से परहेज करते हैं. मार्गशीर्ष व्रत का पालन करने वाले को भजन और कीर्तन में समय बिताना चाहिए.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा महत्व : मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर भक्त भगवान विष्णु की अगाध प्रेम और स्नेह के साथ पूजा करते हैं. वे घर पर ‘यज्ञ’ या ‘हवन’ भी करते हैं. विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है और ‘आरती’ करने के बाद सभी भक्तों में वितरित किया जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने से अन्य दिनों की अपेक्षा 32 गुना अधिक फल मिलता है, इसलिए इसे ‘बत्तीसी पूर्णिमा’ कहा जाता है. दान धन, वस्त्र या भोजन के रूप में किया जा सकता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर बेटियों और परिवार की अन्य महिलाओं को नए कपड़े देने की भी रस्म होती है.
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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पूजा विधि : मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगाजल मिले जल से स्नान करें. इसके पश्चात मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित करें. अब व्रत का संकल्प लेकर भगवान की पूरे विधि-विधान से पूजा करें. पूजा में पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र विष्णु जी को अर्पित करें. पूजा में मां लक्ष्मी को गुलाबी-लाल फूल और श्रृंगार सामान अर्पित करें. इसके पश्चात अब सत्यनारायण की कथा पढ़े और अपनी पूजा संपन्न करें.पूजा के बाद ब्राह्मणों को, गरीबों को भोजन प्रसाद दें, स्वयं भी उस प्रसाद को ग्रहण करें. रात्रिकाल में चन्द्रमा को अर्घ्य दें एवं दीप दिखा कर उनसे अपने लिए प्रार्थना करें.
अपनी समस्याओं से मुक्ति के लिए करें उपाय :
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं और उसके बीचों बीच लाल चंदन से टीका लगाएं. इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और सकारात्मकता का संचार बढ़ेगा. इसके अलावा, घर की पूर्व दिशा में रखे तुलसी के गमले की मिट्टी में एक रुपए का सिक्का दबा दें. इससे तंगी दूर होगी.
- अगर आप वैवाहिक जीवन के क्लेश से परेशान हैं तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन लाल कपड़े में हल्दी की गांठ और सुपारी रखकर उसे मंदिर में रख दें. फिर अगले माह की जो भी पूर्णिमा पड़े उस दिन उस कपड़े, हल्दी की गांठ और सुपारी को बहते जल में प्रवाहित कर दें. इस उपाय से दांपत्य जीवन का दुख दूर हो जाएगा.
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें. उसमें जल और कच्चा दूध अर्पित करें. पौधे पर लाल रंग का कलावा बांधें. शाम के समय पौधे के पास घी का दीपक जलाएं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय से आपको देवी तुलसी की विशेष कृपा प्राप्त होगी, जिससे घर में अन्न, सुख, समृद्धि, खुशहाली और धन का आगमन होगा.
FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 16:34 IST
