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Margashirsha Purnima kab hai 2025 Date muhurat | Margashirsha Purnima 2025 Date muhurat snan daan samay | Margashirsha Purnima par lakshmi puja time | मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब है? जानें तारीख, मुहूर्त, लक्ष्मी पूजा समय

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Margashirsha Purnima 2025 Date: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत, स्नान, दान, लक्ष्मी पूजा और चंद्र अर्घ्य देते हैं. हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा होती है. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन रवि योग बन रहा है. रवि योग में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान होगा. पूर्णिमा को प्रदोष काल में धन और वैभव की देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इससे धन और संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रा भी है. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब है? मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान दान का मुहूर्त और लक्ष्मी पूजा का समय क्या है? मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर चंद्रोदय कब होगा? मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर रवि योग कब से कब तक है?

मार्गशीर्ष पूर्णिमा तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा की तिथि की शुरूआत 4 दिसंबर दिन गुरुवार को सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर होगा. यह तिथि अगले दिन 5 दिसंबर शुक्रवार को प्रात: 4 बजकर 43 मिनट तक मान्य है. तिथि अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान 4 दिसंबर गुरुवार को है.

रवि योग में मार्गशीर्ष पूर्णिमा

4 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अवसर पर रवि योग बन रहा है. रवि योग सुबह में 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 2 बजकर 54 मिनट तक है. रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं. रवि योग में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का स्नान और दान करें, पुण्य की प्राप्ति होगी.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा मुहूर्त

  1. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 38 मिनट से है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर शुभ-उत्तम मुहूर्त 8 बजकर 4 मिनट से 9 बजकर 25 मिनट तक है. पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ होने पर स्नान करें.
  2. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दान स्नान के बाद होगा. जब आप सुबह 8:38 से स्नान करें, तो उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र, कंबल आदि का दान करें.
  3. इस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 05:10 ए एम से 06:04 ए एम तक है, वहीं दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:50 ए एम से दोपहर 12:32 पी एम तक है.
  4. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का निशिता मुहूर्त देर रात 11:45 पी एम से 12:39 ए एम तक है.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर चांद निकलने का समय

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात चांद शाम को 4 बजकर 35 मिनट पर निकलेगा. जो लोग पूर्णिमा व्रत रखेंगे, वे उस समय चंद्रमा को अर्घ्य दें, जब वह आसमान में पूर्ण रूप से चमकता हुआ दिखाई देर रहा हो. पूर्णिमा के व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने से पूर्ण होता है.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा का समय

मार्गशीर्ष पूर्णिमा को माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. लक्ष्मी पूजा के लिए प्रदोष काल की गणना की जाती है, जो सूर्यास्त के बाद प्रारंभ होता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सूर्यास्त शाम को 05 बजकर 24 मिनट पर होगा. उसके बाद से प्रदोष काल शुरू होगा. आप मार्गशीर्ष पूर्णिमा की लक्ष्मी पूजा उस समय से ही करें.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर लगेगी भद्रा

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भद्रा लग रही है. यह भद्रा सुबह में 8 बजकर 37 मिनट से शाम 6 बजकर 40 मिनट तक है. इस भद्रा का वास स्वर्ग में है, इस वजह से इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा. ऐसे में आप उस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. बस राहुकाल का ध्यान रखें, जो दोपहर में 01:29 पी एम से लेकर 02:48 पी एम तक रहेगा.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. व्रत रखकर लक्ष्मी पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. चंद्र पूजा से कुंडली का चंद्र दोष मिटता है. मनोबल मजबूत होता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करना भी शुभ फलदायी होता है.

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