Home Dharma Mars and Ketu combination। मोबाइल नंबर 97 या 79 का अर्थ

Mars and Ketu combination। मोबाइल नंबर 97 या 79 का अर्थ

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97-79 Mobile Number Meaning : ज्योतिष के संसार में जब दो ग्रह एक साथ आते हैं, तो उनका असर व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग रूपों में दिखता है. इन्हीं में से एक विशेष योग है मंगल और केतु का मेल. यह संयोजन बहुत शक्तिशाली होता है, लेकिन इसके असर हमेशा एक जैसे नहीं रहते. मंगल जहां जोश, पराक्रम, ऊर्जा और क्रोध का प्रतीक है, वहीं केतु अध्यात्म, रहस्य, त्याग और अनिश्चितता का सूचक माना गया है. जब ये दोनों ग्रह मिलते हैं तो व्यक्ति के जीवन में उत्साह और अध्यात्म दोनों का टकराव देखने को मिलता है. ऐसे लोग बहुत तेज दिमाग वाले, आत्मनिर्भर और निडर होते हैं. परंतु कभी-कभी यह योग व्यक्ति को अति आत्मविश्वास, गुस्सा, या जल्दबाजी की ओर भी ले जा सकता है. कई बार इस योग के कारण दुर्घटना, रक्त संबंधी समस्या या मानसिक बेचैनी जैसी स्थितियां भी सामने आती हैं. वहीं दूसरी ओर, अगर व्यक्ति अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाए, तो यह योग उसे ऊंचाई तक पहुंचा सकता है. आइए विस्तार से समझते हैं कि मंगल और केतु का यह अद्भुत मेल हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित करता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

मंगल और केतु के स्वभाव
मंगल को ब्रह्मांड का योद्धा कहा गया है. यह साहस, मेहनत और संघर्ष का प्रतीक ग्रह है. इसके प्रभाव से व्यक्ति निर्णय लेने में तेज होता है और किसी भी काम को पूरे जोश के साथ करता है. दूसरी ओर, केतु रहस्यमय ग्रह है. यह भौतिक चीजों से दूरी बनाकर मनुष्य को भीतर की ओर देखने की प्रेरणा देता है. केतु का असर व्यक्ति को अध्यात्म, ध्यान, साधना और आत्मखोज की ओर मोड़ देता है. जब ये दोनों एक साथ आते हैं, तो व्यक्ति के भीतर दो अलग दिशाओं की ऊर्जा काम करती है – एक तरफ आगे बढ़ने की आग और दूसरी तरफ विरक्ति की भावना. यही कारण है कि यह योग व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव लाता है.

इस योग के जीवन पर असर
मंगल और केतु का मेल व्यक्ति को बहुत जिद्दी बना सकता है. ऐसे लोग निर्णय लेने में देर नहीं लगाते, पर कभी-कभी जल्दबाजी नुकसानदेह हो जाती है. इनके भीतर गुस्सा जल्दी आता है और फिर पछतावा भी उतनी ही तेजी से होता है.

-यह योग ब्लड, स्किन या यूरिन संबंधी परेशानी भी ला सकता है. जिनकी कुंडली या जन्मांक में यह मेल होता है, उन्हें अपने स्वास्थ्य पर खास ध्यान देना चाहिए. साथ ही, यह संयोजन परिवार में भाई या बेटे से जुड़ी समस्याएं भी ला सकता है, क्योंकि मंगल भाई का और केतु बेटे का कारक माना जाता है.

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-कई बार इस योग वाले लोगों के जीवन में अचानक दुर्घटना या ऑपरेशन जैसी स्थिति बनती है. इसका कारण यह है कि मंगल खून से और केतु कट या ऑपरेशन से जुड़ा ग्रह है. इसलिए इन जातकों को वाहन चलाते समय, यात्रा करते वक्त या ऊंचाई पर काम करते हुए विशेष सतर्क रहना चाहिए.

धन और कर्म पर प्रभाव
मंगल और केतु का योग व्यक्ति को मेहनती बनाता है, लेकिन अगर यह ऊर्जा गलत दिशा में चली जाए, तो व्यक्ति गलत साधनों से पैसा कमाने की कोशिश करता है. ऐसे में नुकसान निश्चित है. अगर कोई व्यक्ति इस योग के साथ गलत तरीके से कमाई करता है, तो अक्सर उसके बेटे या भाई को किसी न किसी तरह की परेशानी होती है.

इसलिए यह जरूरी है कि ऐसे जातक सही मार्ग से धन अर्जन करें और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दें. जब यही ऊर्जा ध्यान, साधना या किसी रचनात्मक काम में लगाई जाती है, तब यह योग अत्यंत शुभ फल देने लगता है.

घर और आसपास की संकेत
कहा जाता है कि जिन लोगों की कुंडली या जन्मांक में यह योग होता है, उनके घर में अक्सर दो दरवाज़े या दो रसोई देखने को मिलते हैं. कई बार उनके जीवन में किसी बड़े व्यक्ति की गंभीर बीमारी या ऑपरेशन की स्थिति बनती है. यह भी देखा गया है कि ऐसे लोग प्रायः किसी साधु, पीर या समाधि स्थल पर गहरी श्रद्धा रखते हैं.

उपाय और संतुलन के तरीके
मंगल और केतु के प्रभाव को संतुलित करने के लिए सबसे आसान तरीका है ध्यान और सेवा भाव. अगर व्यक्ति दूसरों की मदद करता है, जरूरतमंदों को भोजन या फल देता है, तो केतु की ऊर्जा शांत होती है.

एक सरल उपाय यह है कि सात तरह के छोटे फल – जैसे बेर, अंगूर, अमरूद, सेब, अंजीर आदि – लेकर किसी धार्मिक स्थान या पेड़ के नीचे एक फीट गड्ढा खोदकर दबा दें. यह उपाय मंगल और केतु के तनाव को कम करता है. साथ ही रोज़ सुबह कुछ देर ध्यान करने से मन शांत रहता है और गुस्सा नियंत्रित होता है.

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