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Mauni Amavasya 2025 Snan: मौनी अमावस्या पर 5 डुबकी लगाना क्यों है जरूरी? जानें स्नान विधि, पितृ कृपा समेत होने वाले फायदे

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Mauni Amavasya 2025 Snan: मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को है. आप महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान करने गए हैं तो आपको 5 डुबकी जरूर लगानी चाहिए. कृष्णगिरि पीठाधीश्वर वसंत विजय जी महराज ने श्रद्धालुओं को मौनी …और पढ़ें

मौनी अमावस्या पर 5 डुबकी लगाना क्यों जरूरी? जानें स्नान विधि, होने वाले फायदे

मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व.

मौनी अमावस्या का पावन पर्व 29 जनवरी बुधवार को है. इस ​अवसर पर प्रयागराज के महाकुंभ में करोड़ों लोग गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र संगम, गंगा, यमुना नदी में स्नान और उसके बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान है, जो काफी महत्वपूर्ण है. यदि आप महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान करने गए हैं तो आपको 5 डुबकी जरूर लगानी चाहिए. कृष्णगिरि पीठाधीश्वर वसंत विजय जी महराज ने श्रद्धालुओं को मौनी अमावस्या पर स्नान के समय 5 डुबकी लगाने के महत्व और उसके फायदे को बताया है.

मौनी अमावस्या पर 5 डुबकी लगाने की विधि
वसंत विजय जी महराज ने बताया कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान का सबसे बड़ा पर्व है. इस दिन आपको चारों दिशाओं में 4 डुबकी लगानी है.

पहली डुबकी
आपको पहली डुबकी पूर्वमुखी होकर लगानी है यानि जब आप स्नान करने जाएं तो सबसे पहले आप अपना मुख पूर्व दिशा में कर लें और फिर आस्था की पहली डुबकी लगाएं. डुबकी से पूर्व आपको गंगा, यमुना, सरस्वती और जल देवता को प्रणाम करना है.

दूसरी डुबकी
फिर उसी अवस्था में यानि पूर्वमुखी रहकर ही दूसरी डुबकी लगानी है. दूसरी डुबकी लगाने से आपको अपने कुल देवता और इष्ट देवता की कृपा प्राप्त होगी.

तीसरी डुबकी
अब आपको तीसरी डुबकी उत्तर दिशा में मुख करके लगानी है. उत्तरमुखी तीसरी डुबकी लगाने से आपको भगवान शिव, माता पार्वती, समस्त सप्त ऋषियों, मुनि, गुरुओं की कृपा आपको प्राप्त होगी. उनका आशीर्वाद आपको मिलेगा.

चौथी डुबकी
इसके बाद आपको चौथी डुबकी पश्चिम मुखी यानि पश्चिम दिशा में मुख करके लगानी है. इस डुबकी को लगाने से आपको किन्नर, यक्ष, गुरुड़ आदि समस्त आदि वर्गों का, 33 कोटि देवी और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

पांचवी डुबकी
सबसे अंत में पांचवी डुबकी दक्षिण दिशा में मुख करके लगानी है. यह डुबकी ​अपने समस्त पितरों की सदगति, अपने पितरों के कल्याण के लिए लगानी है.

मौनी अमावस्या के दिन इन पांच डुबकी से आपके सब कार्य सफल सिद्ध होंगे. आपको सभी देवी, देवताओं, पितरों आदि का आशीर्वाद प्राप्त होगा. आपकी उन्नति होगी.

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