Mercury In 12th House: जन्म कुंडली में बुध ग्रह का बहुत खास स्थान होता है. यह ग्रह बुद्धि, बातचीत, व्यापार, तर्क, शिक्षा और समझदारी का प्रतिनिधि माना जाता है. जब किसी की कुंडली में बुध बारहवें भाव में बैठता है, तो इसके परिणाम व्यक्ति के जीवन में कई तरह से दिखाई देते हैं. बारहवां भाव सामान्य तौर पर खर्च, विदेश यात्रा, नींद, रहस्य, मोक्ष, और अकेलेपन से जुड़ा माना जाता है. इसलिए जब बुध जैसे बुद्धि के ग्रह की स्थिति यहां होती है, तो इसका असर व्यक्ति की सोच, व्यवहार और फैसलों पर साफ नजर आता है. बुध का बारहवें भाव में होना एक दिलचस्प स्थिति है क्योंकि यहां ये व्यक्ति को गहराई से सोचने वाला और कल्पनाशील बना देता है. ऐसे लोग अपने विचारों में थोड़ा खोए-खोए रहते हैं और कई बार अपनी बात खुलकर नहीं कह पाते, लेकिन अगर कुंडली में बुध मजबूत हो, तो यही स्थिति व्यक्ति को विदेशी संपर्कों, रिसर्च, लेखन या गुप्त ज्ञान के क्षेत्र में सफलता दिला सकती है. वहीं अगर बुध कमजोर हो जाए, तो यह व्यक्ति को मानसिक उलझन, अनियंत्रित खर्च या नींद की परेशानी दे सकता है.
कुल मिलाकर, बुध का बारहवें भाव में होना एक ऐसी स्थिति है जो इंसान के भीतर चलने वाले विचारों, कल्पनाओं और आत्म-समझ को प्रभावित करती है. अब चलिए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव विस्तार से.
बुध के बारहवें भाव में सकारात्मक प्रभाव
1. विदेश से जुड़ी सफलता:
ऐसे लोग विदेश में काम करने या पढ़ाई करने का मौका पा सकते हैं. कई बार ये लोग विदेशी भाषा, संस्कृति या व्यापार से जुड़ जाते हैं.

बुध ग्रह का फल
2. रचनात्मक सोच:
बुध जब इस भाव में मजबूत हो, तो यह व्यक्ति को कल्पनाशील, कलात्मक और रचनात्मक बनाता है. ऐसे लोग लेखक, डिजाइनर, कवि या विचारक बन सकते हैं.
3. गुप्त ज्ञान में रुचि:
बारहवां भाव रहस्य और आध्यात्म से जुड़ा होता है. बुध यहां बैठकर व्यक्ति को ज्योतिष, ध्यान, मनोविज्ञान या आत्म-ज्ञान की तरफ झुका सकता है.
4. संवेदनशील और दयालु स्वभाव:
ये लोग दूसरों की भावनाओं को जल्दी समझ लेते हैं, अगर बुध शुभ स्थिति में हो, तो ये बहुत समझदार और सहानुभूतिपूर्ण बनते हैं.
बुध ग्रह का फल
5. मन की शांति की तलाश:
इन लोगों में दुनिया से अलग होकर खुद को समझने की प्रवृत्ति होती है. योग, ध्यान या शांत वातावरण में रहना इन्हें पसंद आता है.
बुध के बारहवें भाव में नकारात्मक प्रभाव
1. अनियंत्रित खर्च:
अगर बुध कमजोर हो, तो ऐसे लोग बिना सोचे खर्च करने की आदत रखते हैं. पैसे की सही योजना न बना पाने से नुकसान झेलना पड़ सकता है.
2. नींद और मानसिक बेचैनी:
बारहवां भाव नींद से जुड़ा है. कमजोर बुध व्यक्ति को बेचैन दिमाग, नींद की कमी या बार-बार अनजाने डर दे सकता है.
3. बातों को सही ढंग से न कह पाना:
कई बार ऐसे लोग अपनी बात को खुलकर सामने नहीं रख पाते. इससे रिश्तों या कामकाज में गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं.
4. अकेलेपन की भावना:
बुध यहां व्यक्ति को मानसिक रूप से अलग-थलग कर सकता है, ये लोग भीड़ में रहकर भी अकेलापन महसूस करते हैं.
5. भ्रम या उलझन:
कभी-कभी बुध की स्थिति ऐसी बनती है कि इंसान खुद की सोच में उलझ जाता है. सही और गलत में फर्क करना मुश्किल हो जाता है.
बुध के बारहवें भाव के उपाय
1. बुधवार का व्रत रखें या इस दिन हरे वस्त्र पहनें.
2. गणेश जी की पूजा करें, क्योंकि वे बुध के अधिपति माने जाते हैं.
3. पन्ना रत्न (Emerald) धारण करना बुध को मजबूत करता है, लेकिन इसे केवल किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह के बाद ही पहनें.
4. तुलसी के पौधे की देखभाल करें, क्योंकि यह बुध ग्रह को शांत करता है.
5. गरीब बच्चों को स्टेशनरी या किताबें दान करें, इससे बुध से जुड़ी नकारात्मकता कम होती है.
6. बातचीत में विनम्रता रखें और झूठ बोलने से बचें, क्योंकि बुध स्पष्टता और सच्चाई का प्रतीक है.