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Bhopal News: सोमवारा चौराहे के पास कर्फ्यू वाली माता का मंदिर स्थित है. देवी की प्रतिमा जयपुर से लाई गई थी. इसके बाद छठवीं तिथि को क्षेत्र में मंदिर को लेकर बवाल हो गया, जिसके चलते कर्फ्यू लगाना पड़ा था.
Bharat.one से बात करते हुए मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रमेश चौबे ने बताया कि यह साल 1981 की बात है. उस समय माताजी का मंदिर बनवाने को लेकर हमारा प्रशासन से विवाद हुआ था. जिसके बाद कम से कम 15 से 20 दिन क्षेत्र में कर्फ्यू लगा रहा था. कर्फ्यू के बीच ही माताजी की स्थापना की गई. यहीं से मंदिर का नाम कर्फ्यू वाली माता पड़ गया और लोग तब से लेकर अब तक मंदिर को इसी नाम से जानते हैं. नवरात्रि के दौरान माता के दर्शन को हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं.
सोमवारा चौराहे के पास चबूतरे पर अश्विन माह की नवरात्रि पर जयपुर से लाई गई माता की मूर्ति स्थापित की गई थी. इसके बाद छठवीं तिथि पर क्षेत्र में मंदिर पर बवाल हो गया, जिसके चलते कर्फ्यू लगाना पड़ा. कई दिनों बाद प्रशासन ने मंदिर स्थापना की अनुमति दी. बता दें कि मंदिर निर्माण की भूमिका बाबूलाल माली (सैनी) और पुजारी पंडित श्रवण अवस्थी द्वारा बनाई गई थी.
निर्माण में हुआ सोने-चांदी का इस्तेमाल
माता के मंदिर के निर्माण में सोने-चांदी का इस्तेमाल किया गया है. इसमें एक स्वर्ण कलश के अतिरिक्त 130 किलो चांदी से बना एक भव्य द्वार, 18 किलो चांदी की एक छोटी मूर्ति और 21 किलो चांदी का एक सिंहासन भी है. साथ ही द्वारों और दीवारों पर आधा किलो सोने का काम भी किया गया है. वहीं मंदिर की वास्तुकला विभिन्न धातुओं से निर्मित है और इसमें अत्यंत जटिल कारीगरी की गई है.
नवरात्रि पर होते खास आयोजन
मंदिर के पुजारी रमेश चौबे ने बताया कि नवरात्रि पर यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है. माता के भजन से लेकर जगराते तक, कई तरह के खास कार्यक्रम किए जाते हैं. साथ ही यहां पर हाल ही में धूमधाम से गणगौर का कार्यक्रम आयोजित किया गया. अष्टमी और नवमी पर यहां कन्या भोज से लेकर महाआरती तक, कई तरह के खास आयोजन किए जाएंगे.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
राहुल सिंह पिछले 10 साल से खबरों की दुनिया में सक्रिय हैं. टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले चार साल से नेटवर्क 18 समूह में जुड़े हुए हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.