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Pausha Putrada Ekadashi Kab Hai 2025 Date: पौष पुत्रदा एकादशी व्रत हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. लेकिन इस बार पौष पुत्रदा एकादशी व्रत की तिथि दो दिन है और हरि वासर दूसरे दिन सूर्योदय के बाद तक है, इसकी वजह से लोगों में कन्फ्यूजन है कि पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 30 दिसंबर को रखना है या 31 दिसंबर को? गृहस्थ लोग पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत कब रखें और वैष्णव जन पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत कब रहेंगे? आइए जानते हैं सही तारीख, मुहूर्त और पारण समय के बारे में.
पौष पुत्रदा एकादशी व्रत की सही तारीख- पंचांग के अनुसार, जब एकादशी तिथि दोनों दिन सूर्योदय के बाद तक होती हो या हरि वासर दूसरे दिन सूर्योदय के बाद तक होता है तो ऐसे में एकादशी व्रत दो दिनों का हो जाता है. यहां पर लोगों को कन्फ्यूजन होता है कि व्रत कब रखा जाए?
पंचांग के अनुसार, पौष शुक्ल एकादशी तिथि 30 दिसंबर को 7:50 ए एम से लेकर 31 दिसंबर को 5:00 ए एम तक है. एकादशी की उदयातिथि 30 दिसंबर को है, लेकिन हरि वासर का समापन 31 दिसंबर को सुबह 10:12 बजे है. ऐसे में गृहस्थ लोग पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 30 दिसंबर को और वैष्णव जन पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 31 दिसंबर को रखेंगे.
30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी मुहूर्त: गृहस्थ लोग पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रवि योग में रखेंगे. रवि योग 07:13 ए एम से लेकर अगले दिन 03:58 ए एम तक रहेगा. उस दिन सिद्ध योग और भरणी नक्षत्र होगा. उस दिन आप एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा चर-सामान्य मुहूर्त 09:49 ए एम से 11:06 ए एम तक और लाभ-उन्नति मुहूर्त 11:06 ए एम से 12:24 पी एम में कर सकते हैं. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:24 ए एम से 06:19 ए एम और अभिजीत मुहूर्त 12:03 पी एम से 12:44 पी एम तक है.
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31 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी मुहूर्त: जो लोग 31 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रखेंगे, वे भगवान विष्णु की पूजा साध्य योग, कृत्तिका नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में करेंगे. सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:24 ए एम से 06:19 ए एम तक है, वहीं पूजा के लिए लाभ-उन्नति मुहूर्त 07:14 ए एम से 08:31 ए एम तक और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 08:31 ए एम से 09:49 ए एम तक है.
पौष पुत्रदा एकादशी का पारण: गृहस्थ लोग अपने एकादशी व्रत का पारण 31 दिसंबर को दोपहर में कर सकेंगे. उस दिन पारण का समय 1:26 पीएम से दोपहर 3:31 पीएम तक है. वैष्णव जन एकादशी व्रत का पारण नए साल के पहले दिन यानि 1 जनवरी 2026 को सूर्योदय के बाद कर सकते हैं. उस दिन पारण का समय सुबह में 07:14 बजे से लेकर सुबह 09:18 बजे तक है.
पौष पुत्रदा एकादशी का राहुकाल: 30 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी के दिन राहुकाल दोपहर में 02:59 बजे से लेकर शाम 04:17 बजे तक है. वहीं उस दिन शा को 06:28 बजे से अगले दिन सुबह 05:00 बजे तक है. हालांकि यह स्वर्ग की भद्रा है. 31 दिसंबर को राहुकाल दोपहर 12:24 बजे से लेकर दोपहर 01:42 बजे तक है.
पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व- जो लोग पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखते हैं, उनको भगवान विष्णु की कृपा से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है. हरि कृपा से पाप मिटते हैं और जीवन के अंत में मोक्ष मिलता है.
