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Pishach kya hota hai: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि और केतु की युति होती है, तो वह पिशाच योग का शिकार हो सकता है. इस योग से संबंधित व्यक्ति को भूत-प्रेत का आभास, करियर में रुकावट, और रिश्तों में मनमुटाव का…और पढ़ें
जाने क्या होता है पिशाच योग जिस कारण दिन में भी दिखने लगते हैं भूत-प्रेत व आत्मा
हाइलाइट्स
- शनि और केतु की युति से पिशाच योग बनता है.
- पिशाच योग से भूत-प्रेत का आभास हो सकता है.
- तंत्र-मंत्र से दूर रहकर भगवान की भक्ति करें.
रांची. कई बार पर ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोगों को भूत-प्रेत बहुत ही अधिक दिखते हैं या फिर उन्हें किसी के होने का आहट रहता है या बिना कारण करियर में रुकावट आती है. मेहनत करने का फल नहीं मिलता या रिश्ते में मनमुटाव बना रहता है. अंदर से प्रसन्नता नहीं रहती. ऐसे व्यक्ति के कुंडली में पिशाच योग हो सकता है, जो की एक काफी अशुभ योग होता है. हालांकि, इसका निवारण भी है.
ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे (रांची यूनिवर्सिटी से ज्योतिष शास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट ) बताते हैं कि कई बार लोगों की कुंडली में शनि और केतु युति होती है और यह बहुत ही अशुभ होता है. दरअसल, इसे पिशाच योग भी कहते हैं. पिशाच योग भूत प्रेत से संबंधित होता है, जिस व्यक्ति में यह योग होता है. उसको तंत्र मंत्र में बड़ा रुचि होगी.
अशुभ होता है यह योग
ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे ने बताया, इसके अलावा भूत प्रेत या फिर किसी होने का आहट जैसा हमेशा लगा रहेगा. यह व्यक्ति किसी तीसरी शक्ति वह भी नकारात्मक से प्रभावित रहेगा. उसे हमेशा ऐसा लगेगा कि उसके साथ कोई है और उस व्यक्ति को नजर भी बहुत जल्दी लगता है औरों के मुकाबला और इसके चलते उनके करियर में रूकावट या फिर लड़ाई झगड़ा रिश्ते में मन मुटाव जैसी चीजें देखने को मिलती है.
उन्होंने आगे बताया, ऐसे व्यक्ति के घर में भी थोड़ा नकारात्मक माहौल रहता है. आप ऐसे व्यक्ति के साथ बैठेंगे, तो आपको भी नकारात्मक महसूस होगा. आप उसके पास बैठेंगे तो कुछ ना कुछ टेंशन आपको भी होने लगेगा. आपके अच्छे मूड को वह खराब कर देंगे.क्यों कि, वह खुद ही अंदर से काफी नकारात्मक ऊर्जा से भरे रहते हैं. ऐसे में लोगों को ऐसे व्यक्ति से थोड़ा दूर ही रहना चाहिए.
क्या है उपाय?
अगर कुंडली में ऐसा योग है, तो सबसे पहले उसे व्यक्ति को तंत्र-मंत्र से एकदम दूर रहना चाहिए. इसका सहारा भूलकर भी नहीं लेना चाहिए. आप भगवान की भक्ति कर सकते हैं. अपनी ईस्ट देवता के प्रति पूरी तरह समर्पित हो जाइए .इसके लिए कुछ विशेष पूजा का भी आयोजन किया जाता है या फिर कुछ बीज मंत्र दिया जाता है. लेकिन वह हर एक व्यक्ति के कुंडली के अनुसार अलग होता है.
साथ ही, ऐसे व्यक्ति को कोशिश करना चाहिए कि अधिक रात तक ना जगे, कुछ लोग होते हैं जो 12 एक दो बजे तक जगते हैं. यह बिल्कुल नहीं चलेगा, एक तो पिशाच योग ऊपर से इतना रात तो, नकारात्मक ऊर्जा और हावी होती है. व्यक्ति को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठाना काफी लाभदायक होता है. अगर ऐसा व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठाना शुरू कर दे तो 80% समस्या वहीं पर खत्म हो जाएगी.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.