पितरों के नाराज होने के संकेत
1. वंश आगे बढ़ाने में बाधाएं
कई बार लोग बहुत कोशिश करने के बावजूद परिवार बढ़ाने में सफल नहीं होते. बच्चों का न होना, संतान संबंधी दिक्कतें या परिवार में किसी पीढ़ी का टूटना पितृदोष का संकेत हो सकता है.
कभी-कभी छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन लगातार एक के बाद एक दुर्घटनाएं घटती रहें, तो यह भी पितृदोष का संकेत हो सकता है.
4. बिजनेस और नौकरी में बाधाएं
जब मेहनत के बावजूद कामों में निरंतर रुकावटें आती हैं, प्रगति रुक जाती है या तरक्की नहीं मिलती, तो इसका मतलब हो सकता है कि पितर नाराज हैं.
घर में किसी मांगलिक या शुभ कार्य के दौरान बार-बार समस्याएं आना भी पितृदोष का संकेत माना जाता है.
पितृदोष से मुक्ति पाने के विशेष उपाय
पितृपक्ष में पितरों का तर्पण और पिंडदान जरूर करें. इससे पितरों की नाराजगी कम होती है और जीवन में शांति आती है.
2. भोजन और जल अर्पण
पितरों के नाम का भोजन और जल अलग निकालकर उन्हें समर्पित करें. इससे उनके क्रोध को शांत करने में मदद मिलती है.
पितरों की तस्वीर रोज साफ करें और उस पर फूल माला चढ़ाएं. इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
4. दीया जलाना
पितृपक्ष में दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीया जरूर जलाएं. यह शुभ माना जाता है और पितरों को संतुष्ट करता है.
6. दान-पुण्य करना
ज्यादा से ज्यादा दान करना पितरों को खुश करता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार दान-पुण्य से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है.