Home Dharma Pitru Paksha: पितृपक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराते समय इन बातों का...

Pitru Paksha: पितृपक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराते समय इन बातों का रखें खास ध्यान, नहीं तो पूर्वज हो जाएंगे नाराज

0


Ujjain News: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या के बीच के इन 16 दिनों में पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है. यह समय पूर्वजों के प्रति सम्‍मान प्रकट करने का होता है. श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है. ब्राह्मण भोज के बिना श्राद्ध का पूरा फल नहीं मिलता है.

मान्यता है कि श्राद्ध के दौरान किसी ब्राह्मण को कराया गया भोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है. इसके साथ ही गाय, कुत्‍ते और कौवे को भी भोजन कराना बहुत जरूरी है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार श्राद्ध के दौरान किसी ब्राह्मण को अपने घर में आमंत्रित करने से लेकर भोजन कराकर विदा करने तक के लिए कुछ नियम बताए गए हैं. जिनका पालन करना जरूरी है.

जरूर करें इन नियमों का पालन
– पितृपक्ष में यदि आप किसी ब्राह्मण को भोजन कराने जा रहे हैं तो आपको हमेशा धर्म-कर्म का पालन करने वाले योग्य ब्राह्मण को ही भोजन पर आमंत्रण करना चाहिए.

– किसी भी ब्राह्मण को भोजन के लिए आदर के साथ आमंत्रित करें और उसे इस बात को स्पष्ट कर दें कि आप उसे श्राद्ध के लिए भोज में आमंत्रित कर रहे हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर लें कि वह आपके अलावा किसी और के यहां तो श्राद्ध का भोजन करने के लिए नहीं जा रहे हैं.

– श्राद्ध में ब्राह्मण को खिलाने के लिए वही चीजें खाने में बनाएं जो आपके पितरों या फिर आपके घर से जुड़े दिवंगत व्यक्ति को पसंद हुआ करती थी. मान्यता है कि जब आप अपने पितरों की रुचि के अनुसार भोजन बनाकर ब्राह्मण को खिलाते हैं तो उनकी आत्मा तृप्त होती है.

– पितृपक्ष में पितरों के लिए निमित्त के लिए श्राद्ध हमेशा दोपहर के समय किया जाता है, इसलिए ब्राह्मण को भोजन के लिए दोपहर के लिए ही आमंत्रित करें. ब्राह्मण के लिए भोजन को पवित्रता और शुद्धता से बनाना चाहिए और उसमें भूलकर भी लहसुन, प्याज प्रयोग नहीं करना चाहिए.

– धार्मिक मान्यता के अनुसार दक्षिण को पितरों की दिशा माना गया है. मान्यता है कि पितृपक्ष में पितर इसी दिशा से पृथ्वी पर आते हैं, ऐसे में ब्राह्मण को भोजन हमेशा दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कराना चाहिए.

– पितृपक्ष के दौरान जब अपने पितरों के निमित्त किसी ब्राह्मण को बुलाकार भोजन कराते हैं तो हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि उन्हें भोजन कांसे, पीतल, चांदी या फिर पत्तल में परोसें. पितृपक्ष में ब्राह्मण को भूलकर भी लोहे यानि स्टील की थाली में भोजन कराने की भूल न करें.

– पितृपक्ष में ब्राह्मण को आदर के साथ भोजन करवाने के बाद उसे जाते समय अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ दक्षिणा देकर आशीर्वाद जरूर लें. किसी भी प्रकार की जाने-अनजाने की गई भूल या फिर कमी के लिए माफी मांग लें. पितृपक्ष में ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद ही घर के सदस्यों को प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण करना चाहिए.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version