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Pitru Paksha Upay Tips: पितृ पक्ष साल के वो 15 दिन होते हैं जब हम अपने पूवर्ज को याद कर उनको लिए दान देते हैं. यह एक ऐसी विधी है जिसमें पंडित जी की जरूरत पड़ती है लेकिन अगर पंडित न मिले तो कैसे करें पिंड दान, जानें उपाय.
अगर पंडित उपलब्ध न हो तो आप क्या करें? इसके लिए भी शास्त्रों मे समाधान बताया गया है. भगवान सूर्य को जगत पंडित माना जाता है. यदि श्राद्ध कर्म के दौरान पंडित नहीं मिल पाते हैं तो आप सूर्य देव के सामने स्वयं खड़े होकर अपने पितरों का दान कर सकते हैं. उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज इसकी पूजा-विधि जानते हैं.
क्या बिना पंडित के पिंडदान संभव है?
– सूर्य देव को जगत पंडित कहा गया है. उनके सामने खडे़ होकर स्वयं पिंडदान करने के लिए नदी में खड़े होकर अपने हाथ में जौ, तिल, चावल लेकर अपने पितरों का नाम लेकर भगवान सूर्य को अर्पित कर पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
भूल से भी न पहनें इस दौरान यह वस्त्र
यह पूरी क्रिया जब भी करें तो यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि सिले हुए वस्त्र न पहनें, केवल साफ धोती ही पहन कर पिंडदान करना चाहिए. ऐसे पिंडदान करने से ही पूरी पितरों के समस्त दान-पुण्य या तर्पण जो भी करा हो सम्पूर्ण होता है. पितृ देव प्रसन्न होते हैं.
इन उपायों से करें पितरों को प्रसन्न
– पशु-पक्षियों को भोजन कराएं. गरीबों और ब्राह्मणों को सामर्थ्य के अनुसार दान करें.
– घर में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य या नए कार्य का शुभारंभ श्राद्ध के दौरान नहीं करना चाहिए.
– पितृ स्तोत्र का पाठ करें. इससे भी पितर प्रसन्न होते हैं.
Shweta Singh, currently working with News18MPCG (Digital), has been crafting impactful stories in digital journalism for more than two years. From hyperlocal issues to politics, crime, astrology, and lifestyle,…और पढ़ें
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