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Ramadan 2025: रमजान को क्यों कहा जाता है नेकियों का महीना? अजमेर दरगाह में होता है इफ्तार और सहरी का आयोजन

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Ramadan 2025: आज से रमजान की पवित्र महीना शुरू हो चुका है. आज मुस्लिम समुदाय को लोगों ने सहरी खाकर दिन की शुरुआत की. रमजान का क्या महत्व है आइये जानते हैं इस रिपोर्ट में.

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 2 मार्च से शुरू हो रहा है रमजान 

हाइलाइट्स

  • रमजान का पवित्र महीना 2 मार्च से शुरू हुआ.
  • अजमेर दरगाह में रोजा इफ्तार और सहरी का आयोजन होता है.
  • रमजान में गरीबों और जरूरतमंदों को दान दिया जाता है.

अजमेर. आज यानी 2 मार्च से रमजान का पवित्र महीना की शुरुआत हो गई है. इस्लाम में रमजान को बेहद पवित्र माना जाता है. इस दौरान खुदा की इबादत में महीने भर रोजे रखे जाते हैं और जकात यानी कि दान धर्म किया जाता है. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी-अपनी हैसियत के मुताबिक रमजान के पवित्र महीने में गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं .

मोहम्मद शाहनवाज ने बताया कि रमजान के तीन अशरे होते हैं. रमजान के पहले 10 दिन रहमत के होते हैं. इसमें खुदा की इबादत, नमाज और दान करते हैं. यह पहला अशरा होता है. रमजान का दूसरा अशरा भी 10 दिन का होता है. इसमें जाने-अनजाने में की गई गलतियों के लिए माफी मांगी जाती है. नेक बंदों को खुदा रहमत और बरकत देते हैं. रमजान के आखिरी 10 दिन तीसरा अशरा होता है, इसमें लोग खुदा से दुआ करते हैं कि उनको उनके किए पापों से मुक्ति मिले और मृत्यु के बाद उन्हें अल्लाह की पनाह मिले.

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नेकियों का होता है महीना
मोहम्मद शाहनवाज ने बताया कि रमजान के महीने को नेकियों का महीना भी कहा जाता है. इस पवित्र महीने में खास दुआएं पढ़ी जाती है. शाहनवाज ने आगे बताया कि रोजे के दौरान अल सुबह से लेकर शाम तक पानी की एक बूंद तक नहीं पीनी होती है. रोजे लगातार 30 दिनों तक चलते हैं. मान्‍यता है कि हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) ने फरमाया है कि जो शख्स नमाज के साथ रोजे में ईमान और एहतिसाब बनाए रखे उसके सब पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे. शाहनवाज ने आगे बताया कि अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर रमजान के पवित्र महीने में रोजा इफ्तार और सहरी का आयोजन होता है. गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की जाती है. रमजान महीने के अंत में चांद के दीदार के साथ ही रोजे खत्म हो जाते हैं और अगले दिन ईद होती है.

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