रामपुर: यूपी के रामपुर में 46 साल पहले मां ज्वाला जी की पवित्र ज्योति लाने की कहानी आज भी श्रद्धालुओं के दिलों में बसी हुई है. रामपुर की अग्रवाल धर्मशाला में स्थापित यह अखंड ज्योति पिछले 4 दशकों से बिना रुके जल रही है और इसके प्रति लोगों की आस्था दिनों-दिन बढ़ती जा रही है.
इस मंदिर से आई थी ज्योति
यह ज्योति 46 साल पहले हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध ज्वाला देवी मंदिर से लाई गई थी. मां ज्वाला जी का यह मंदिर शक्ति के 9 रूपों का प्रतीक माना जाता है और यहां से लाई गई ज्योति को रामपुर में अग्रवाल धर्मशाला में स्थापित किया गया था. इसके पीछे उद्देश्य था कि इस ज्योति के माध्यम से लोगों में धार्मिक आस्था और शक्ति का संचार हो. तब से यह ज्योति लगातार जल रही है और भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनी हुई है.
ज्योति के सामने भक्त करते हैं पूजा-पाठ
रामपुर के लोग इस ज्योति को अत्यंत श्रद्धा से मानते हैं. यहां के स्थानीय निवासी नवरात्रि, शिवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर धर्मशाला में आकर इस ज्योति के सामने पूजा-अर्चना करते हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि इस ज्योति के दर्शन मात्र से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
9 दिनों तक भक्तों का लगा रहता है तांता
वहीं, स्थानीय श्रद्धालु राधा अग्रवाल कहती हैं कि यह ज्योति हमारे परिवार की आस्था का प्रतीक है. हम हर साल यहां आकर विशेष पूजा करते हैं और मन की शांति प्राप्त करते हैं. यहां धर्मशाला में नियमित रूप से धार्मिक आयोजन होते हैं, जिनमें विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान भव्य हवन और आरती का आयोजन किया जाता है. नवरात्रि के 9 दिनों में यहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं. इसके अलावा अन्य धार्मिक आयोजनों में भी इस अखंड ज्योति के चारों ओर पूजा-अर्चना की जाती है.
दूसरे राज्यों से भी पहुंचते हैं भक्त
रामपुर के अलावा इस ज्योति को देखने और इसकी शक्ति का अनुभव करने के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं. हिमाचल, दिल्ली और अन्य शहरों से भी भक्त यहां आकर इस ज्योति के दर्शन करते हैं. धर्मशाला के व्यवस्थापक का कहना है कि “हर साल विशेष अवसरों पर देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं और मां ज्वाला जी की अखंड ज्योति के दर्शन करते हैं.
FIRST PUBLISHED : October 7, 2024, 14:40 IST