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Sharia Rules : क्या मुस्लिम महिलाएं नहीं पढ़ सकती मस्जिद में नमाज़? जानें क्या कहते हैं अलीगढ़ के मौलाना

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Sharia Rules : मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में नमाज़ पढ़ने को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं. इस मामले पर मौलाना इफराहीम हुसैन ने स्पष्ट किया कि शरीयत के अनुसार महिलाओं को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की पूरी अनुमति है. यह कोई गलत या मनाही वाला काम नहीं है, बल्कि सवाब का काम माना जाता है.

अलीगढ़. इस्लाम में महिलाओं के मस्जिद में नमाज़ अदा करने को लेकर समाज में लंबे समय से चर्चाएं होती रही हैं. कई लोग इसे लेकर अलग-अलग राय रखते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि मस्जिद मे मुस्लिम महिलाओं का नमाज़ पढ़ना सही है तो वही, कुछ लोग इसे जायज़ नहीं मानते. ऐसे में लोगों के बीच काफ़ी भ्रांतियां रहती हैं. और मन मे कई सवाल. ऐसे मे इस मसले पर रोशनी डालते हुए अलीगढ़ के चीफ मुफ्ती मौलाना चौधरी इफराहीम हुसैन ने पूरी जानकारी दी.

मुफ्ती मौलाना चौधरी इफराहीम हुसैन ने बताया कि शरीयत के अनुसार महिलाओं को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की अनुमति है और यह सवाब का काम माना जाता है.हालांकि, इसके साथ कुछ पाबंदियां और अदब भी जुड़े हैं. मौलाना के अनुसार, समाज में फैली बुराइयों और वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को मस्जिद आने पर पूरी हया और हिजाब का ध्यान रखना चाहिए, कपड़ों का लिहाज करना चाहिए, सिर ढकना चाहिए और मस्जिद के एहतराम को बनाए रखना चाहिए.इसके अलावा, महिलाओं के लिए मस्जिद में अलग जगह होना भी जरूरी है. यदि महिलाएं इन सभी अदब और पाबंदियों का पालन करती हैं, तो उनका नमाज़ अदा करना शरीअत के अनुसार जायज़ है और इसके सवाब की गणना होती है.

अधिकारों का न करें गलत इस्तेमाल
मौलाना इफराहीम हुसैन ने कहा कि यदि कोई महिला मस्जिद में नमाज़ अदा करते समय बताए गए अदब और पाबंदियों का पालन नहीं करती, तो वह गुनाह में शामिल हो सकती है. इसलिए उनका मानना है कि महिलाओं के लिए घर पर नमाज़ पढ़ना अधिक मुफीद और सुरक्षित विकल्प है. मौलाना ने यह भी बताया कि इस्लाम में पुरुष और महिला दोनों को उनके अधिकार दिए गए हैं, लेकिन इन अधिकारों का गलत इस्तेमाल न किया जाए. अगर कोई इसका दुरुपयोग करता है, तो वह गुनहगार माना जाएगा

mritunjay baghel

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें

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क्या मुस्लिम महिलाएं नहीं पढ़ सकती मस्जिद में नमाज़?

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