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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शिव जी की मूर्ति या शिवलिंग रखने की सही दिशा और नियम जानें। सही दिशा में स्थापना करने से जीवन में सुख-शांति और भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है.
घर में भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग स्थापित करना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जहां शिवजी का वास होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा नहीं ठहरती और घर में सुख, शांति व समृद्धि बनी रहती है. लेकिन अगर मूर्ति या शिवलिंग को गलत दिशा में रखा जाए, तो इसके उलटे परिणाम भी मिल सकते हैं. इसलिए वास्तु शास्त्र में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है.
मूर्ति का आकार और प्रकार
घर में बहुत बड़ी मूर्ति लाने से बचें. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के पूजा स्थान में शिव जी की 5 से 8 इंच की मूर्ति सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मूर्ति पत्थर, क्रिस्टल, पीतल या पंचधातु की हो सकती है. साथ ही, मूर्ति ऐसी हो जिसमें भगवान शिव शांत और ध्यानमग्न मुद्रा में हों. तांडव मुद्रा वाली मूर्ति घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि यह ऊर्जा को अस्थिर कर सकती है.
शिवलिंग की स्थापना के नियम
अगर आप घर में शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं तो उसे भी उत्तर-पूर्व दिशा में ही रखें. शिवलिंग के नीचे “योनिपीठ” (आधार भाग) अवश्य होना चाहिए और जलाधारी का मुख उत्तर दिशा की ओर रहना चाहिए. रोज सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर गंगाजल, दूध या बेलपत्र अर्पित करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.
किन गलतियों से बचें
– भगवान शिव की मूर्ति को सीधे फर्श पर न रखें, उसे लकड़ी या संगमरमर के छोटे मंच पर स्थापित करें.
– एक ही घर में एक से अधिक शिवलिंग न रखें.
– मूर्ति के सामने गंदगी या जूते-चप्पल कभी न रखें.
– तांडव मुद्रा वाली मूर्ति या भैरव रूप को घर में स्थापित करने से बचें.
विविधा सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में बैचलर और मास्टर्स की डिग्री हासिल की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में ये 3 वर्षों से काम कर रही हैं. फिलहाल न्यूज18… और पढ़ें
