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Key To True Happiness: सच्चा सुख बाहर कहीं नहीं है. यह हमारे सोचने और महसूस करने के ढंग में छिपा है. जब इंसान अपने पास की चीज़ों को अपनाता है, संतोष करता है और छोटी खुशियों को महत्व देता है, तब ही असली सुख मिलता है. यही जीवन का सबसे बड़ा राज़ है – “जो मिला है वही लाजवाब है.”

असली सुख का अर्थ
सुख की परिभाषा किताबों से नहीं, बल्कि दिल से तय होती है. हम अक्सर दूसरों को देखकर अपनी खुशी नापने लगते हैं, लेकिन अगर ध्यान दें तो असली सुख वही है जो हमें अपने भीतर से महसूस हो, अगर आपकी ज़िंदगी में प्यार, अपनापन और सुकून है, तो यही सबसे बड़ा सुख है.
तुलना इंसान को कभी खुश नहीं रहने देती. पड़ोसी का घर बड़ा है, दोस्त की नौकरी बेहतर है या किसी के पास महंगी कार है – ये सब सोच हमें भीतर से तोड़ देता है. जबकि सच्चा सुख तब मिलता है जब हम अपनी ज़िंदगी को उसी रूप में स्वीकार करें जैसी है.
उम्मीद और ख्वाब
उम्मीद रखना गलत नहीं है. ख्वाब भी ज़रूरी हैं क्योंकि ये हमें आगे बढ़ाते हैं, लेकिन इन्हें जीवन की खुशी का आधार बना लेना दुख की वजह बनता है. ख्वाब पूरे हों या न हों, जो अभी हमारे पास है वही सबसे सुंदर है.
मीडिया की दुनिया में मेरा सफर एक रेडियो जॉकी के रूप में शुरू हुआ था, जहां शब्दों की ताकत से श्रोताओं के दिलों तक पहुंच बनाना मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि रही. माइक के पीछे की यह जादुई दुनिया ही थी जिसने मुझे इलेक्ट्र…और पढ़ें
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