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Tulsi Vivah Date: तुलसी विवाह सनातन धर्म का एक पवित्र पर्व है. इस दौरान सभी शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. इस विवाह का बड़ा धार्मिक महत्व है, जिससे कन्यादान के समान पुण्य फल मिलता है, तो आइए इस पर्व की डेट से लेकर सभी जरूरी बातों को जानते हैं.
Tulsi Vivah Kab Hai: हिंदू धर्म में सालभर मे 24 एकादशी आती है. उन्हीं एकादशी में से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है, जिसे देवउठनी एकादशी कहते हैं. वह विशेष महत्व रखती है. त्योहारों के मौसम में दीपावली के बाद एक खास पर्व मनाया जाता है. इस पर्व का धार्मिक महत्व तो है ही साथ ही यह प्राकृति से भी जोड़ता है. इस दिन को तुलसी विवाह के रूप में मनाते हैं.
इस बार कब है तुलसी विवाह
हर साल कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर ही तुलसी विवाह मनाया जाता है. हिंदू पंचाग के हिसाब से इस तिथि की शुरुआत 2 नंबवर से होगी. सुबह 7:31 बजे से इस तिथि की शुरुआत हो जाएगी. साथ ही इसका समापन अगले दिन यानी 3 नंबवर को होगा. इस दिन का मुहूर्त सुबह 5:07 बजे तक होगा. ऐसे में 2 नंबवर के दिन ही तुलसी विवाह मनाया जाएगा.
क्या है तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व
तुलसी विवाह का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है. माना जाता है कि जो भक्त विधि-विधान से तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराता है, उन्हें कन्यादान के समान पुण्य फल प्राप्त होता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. ऐसे में इस दिन तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली, प्यार और सुख-समृद्धि आती है. साथ ही अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है.
जानिए कैसे करें तुलसी पूजन
– तुलसी पूजन प्रारंभ करने के लिए सुबह स्नान करना आवश्यक है.
– इसके पश्चात तुलसी के पौधे के पास जाकर जल अर्पित करें.
– तुलसी के पौधे के समक्ष बैठकर तुलसी की माला का जाप करना भी लाभकारी है.
– यदि संभव हो, तो तुलसी के पौधे को फल, फूल और सिंदूर के साथ लाल चुनरी अर्पित करें.
– प्रतिदिन शाम को तुलसी के समक्ष दीपक जलाना अनिवार्य है.
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 7 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
