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Vastu Tips: घर का मुख्य द्वार सिर्फ आने-जाने का रास्ता नहीं होता, बल्कि यहीं से खुशियां, समृद्धि और भाग्य प्रवेश करता है. अगर मुख्य द्वार सही न हो, तो घर में सुख-शांति नहीं रहती और नकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

वास्तु टिप्स
हाइलाइट्स
- मुख्य द्वार साफ-सुथरा और सजा हुआ रखें.
- स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
- मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल लगाएं.
Vastu Tips: घर का मुख्य द्वार सिर्फ आने-जाने का रास्ता नहीं होता यह खुशियों और समृद्धि का प्रवेश द्वार भी माना जाता है. इसी द्वार से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य प्रवेश करता है. अगर मुख्य द्वार सही दिशा में न हो या वास्तु के अनुसार न बना हो, तो घर में सुख-शांति नहीं रहती और माता लक्ष्मी का वास भी बाधित होता है. ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री अंशुल त्रिपाठी से जानते हैं मुख्य द्वार की शुभता और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के आसान उपाय.
मुख्य द्वार को शुभ बनाने के उपाय
मुख्य द्वार साफ-सुथरा और सजा हुआ रखें गंदगी, कूड़े का ढेर, जूते-चप्पल बिखरे न हों. मुख्य द्वार पर अंधेरा न हो, हमेशा रोशनी बनी रहे. कोई खंभा या पेड़ ऐसा न हो, जिसकी छाया आपके द्वार पर पड़े.
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सुबह जल से द्वार को शुद्ध करें
एक लोटे में जल लें, उसमें गंगाजल या हल्दी मिलाएं. सुबह 6-7 बजे यह जल मुख्य द्वार पर छिड़कें.
यह उपाय सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है.
स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं
हल्दी, कुमकुम या सिंदूर से द्वार पर स्वास्तिक बनाएं. स्वास्तिक सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और वास्तु दोषों को दूर करता है. अगर मुख्य द्वार गलत दिशा में हो, तो स्वास्तिक लगाने से दोष का प्रभाव कम हो जाता है.
स्वास्तिक बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें
- स्वास्तिक को कभी भी उल्टा या टेढ़ा न बनाएं, यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
- स्वास्तिक की दिशा सही होनी चाहिए, उसके पीछे टॉयलेट या कोई नकारात्मक चीज न हो.
- स्वास्तिक के चारों ओर चार बिंदु जरूर लगाएं, यह पूर्णता और संतुलन का प्रतीक है.
- स्वास्तिक के बाईं ओर “शुभ” और दाईं ओर “लाभ” लिखें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे.
घोड़े की नाल लगाएं
शनि दोष से बचने के लिए घोड़े की नाल लगाना लाभकारी होता है. पुरानी और उपयोग की हुई घोड़े की नाल ही प्रभावी होती है. इसे शुक्रवार को सरसों के तेल में रातभर डुबोकर शनिवार को मुख्य द्वार पर लगाएं.
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मंगल कलश की स्थापना करें
कलश समृद्धि और संपन्नता का प्रतीक होता है. इसे घर के मुख्य द्वार या पूजा स्थल पर रखा जा सकता है. जल से भरे कलश में फूलों की पंखुड़ियां डालें और इसे मुख्य द्वार पर रखें. इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.