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भारतीय मान्यताओं और वास्तु शास्त्र के अनुसार, किचन ना केवल खाना पकाने व भोजन करने के लिए होती है, बल्कि यह स्थान सुख-शांति, स्वास्थ्य, और माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. अगर इस स्थान का वास्तु दोष खराब होता है तो पूरे घर में कोई ना कोई समस्या बनी रहती है. आइए जानते हैं किचन के वास्तु दोष को दूर कैसे करें…
अगर हम यह कहें कि घर के सदस्यों को पूरी ऊर्जा किचन से आती है तो यह गलत नहीं होगा. किचन को घर का दिल कहा जा सकता है क्योंकि यहीं से हमारे स्वास्थ्य और खुशी के लिए जरूरी ऊर्जा आती है. अगर घर का यह हिस्सा शुभ और दोष रहित है तो परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है, वहीं अगर इस हिस्से में कुछ समस्याएं हैं तो सदस्यों के बीच आपसी टकराव होना, किसी ना किसी बीमार रहना, नुकसान होते रहना आदि कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आपके घर में भी परेशानियां चल रहे हैं तो वास्तु के ये उपाय आपकी कुछ मदद कर सकते हैं. वास्तु के छोटे-छोटे बदलावों से आप किचन को सकारात्मक ऊर्जा से भर सकते हैं. आइए जानते हैं वास्तु के इन उपायों के बारे में…
रसोई घर के लिए सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण में होना चाहिए. यह दिशा में अग्नि देवता का वास होता है. इसलिए यहां चूल्हे और अग्नि से संबंधित कार्य करने से घर में शांति और परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बढ़ता है. भूलकर भी रसोईघर उत्तर-पूर्व में नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि यह जल से जुड़ा स्थान है. अगर रसोईघर दक्षिण-पश्चिम में हो तो पारिवारिक कलह का खतरा रहता है और अगर उत्तर-पश्चिम में हो तो अनावश्यक आर्थिक खर्च का खतरा रहता है.
रसोई में सामान कहां और कैसे रखें
किचन में चूल्हा और सिंक कहां रखें, यह बहुत जरूरी है. गैस चूल्हा या ओवन हमेशा किचन के दक्षिण-पूर्व कोने में रखना चाहिए. खाना बनाते समय ध्यान रखें कि आपका मुख पूर्व दिशा में हो. खाना बनाने के लिए यह दिशा शुभ माना जाता है. यह दिशा भोजन में सकारात्मक ऊर्जा लाती है. पानी से संबंधित वस्तुएं जैसे सिंक और रेफ्रिजरेटर आदि किचन के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए. ऐसा करने से आप अग्नि और जल की दो विरोधी शक्तियों के बीच टकराव को रोक सकते हैं.
किचन को ऐसा ना रखें
किसी भी परिस्थिति में चूल्हा घर के मुख्य द्वार के सामने या खिड़की के नीचे नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर में प्रवेश करने वाली सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है. एक सुव्यवस्थित और साफ-सुथरी किचन में सकारात्मक ऊर्जा होती है. काउंटरटॉप्स हमेशा खाली और साफ रखना चाहिए. बर्तन नियमित रूप से साफ करने चाहिए. माना जाता है कि अगर किचन गंदी होगी, तो धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाएंगी. दालें और अनाज जैसी भारी चीजें हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखनी चाहिए. चूल्हे के ठीक ऊपर भारी शेल्फ या खुली शेल्फ नहीं रखनी चाहिए, इससे तनाव बढ़ता है.
किचन के लिए कौन से रंग अच्छे हैं?
रंगों का किचन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. किचन के लिए हमेशा पीला, नारंगी, गुलाबी और हल्का हरा जैसे रंग चुनें. ये रंग खुशनुमा माहौल बनाते हैं और घर में धन धान्य भी बढ़ता है. किचन की दीवारों, फर्श या काउंटरटॉप पर कभी भी काले या गहरे नीले रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि ये रंग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और अग्नि की ऊर्जा को दबाते हैं.
किचन में क्या ना करें?
कुछ गलतियां घर में गंभीर नकारात्मक ऊर्जा ला सकती हैं. किचन को बाथरूम, पूजाघर या शयनकक्ष के नीचे या ऊपर ना बनाएं. इन कमरों की ऊर्जाएं किचन में रखे भोजन की शुद्धता को बिगाड़ सकती हैं. सुनिश्चित करें कि किचन का नल लीक ना कर रहे हों और नालियां जाम ना हों. पानी की बर्बादी का मतलब है कि धन और सुख-समृद्धि जा रही है. अंत में, किसी भी टूटे या दरार वाले बर्तन को तुरंत फेंक देना चाहिए. इन्हें घर में दोषों और आर्थिक समस्याओं का संकेत माना जाता है, ये नकारात्मक तरंगों को आकर्षित करते हैं.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
