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वास्तु शास्त्र में आठ दिशाओं व चार कोण का उल्लेख मिलता है. इनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण कोण है ईशान कोण. इसे अन्य सभी कोण से पूजा पाठ के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है.

ईशान कोण में पूजा करना क्यों माना जाता है लाभकारी? जानें इस बारे में क्या कहते हैं वास्तु सलाहकार
हाइलाइट्स
- ईशान कोण में पूजा करना शुभ माना जाता है.
- उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है.
- ईशान कोण में देवताओं का वास और सकारात्मकता होती है.
Vastu Tips For Puja: वास्तुशास्त्र में दिशाओं और कोण की बहुत मान्यता है. जब भी किसी घर का निर्माण होता है तो उसमें सबसे पहले वास्तु अनुसार उचित दिशाओं सहित कोण को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाता है. जिसमें किचन, बेडरुम, पूजा घर को विशेष रुप से सही दिशा में बनवाया जाता है. इसके साथ ही हमने कई वास्तु जानकारों या पंडितों के मुंह से सुना है कि पूजा या फिर किसी मांगलिक कार्य के लिए सबसे उचित दिशा ईशान कोण चुनना चाहिए.
लेकिन क्या आपके कभी सोचा है कि ईशान कोण को इतना शुभ क्यों माना जाता है, क्या है इसका कारण? तो आइए जानते हैं भोपाल के ज्योतिषाचार्य व वास्तु सलाहकार डॉ अरविंद पचौरी से विस्तार से ईशान कोण व उसके महत्व को जानते हैं.
किस दिशा को कहा जाता है ईशान कोण?
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर की उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है. इस दिशा को बाकी सभी दिशाओं में सबसे पवित्र दिशा माना जाता है इतना ही नहीं वास्तु के अनुसार, ईशान कोण में बैठकर मंत्र जप करने पर व्यक्ति को जल्दी सिद्धियां प्राप्त हो जाती है. इसके साथ ही इस दिशा को उन्नति व शांति का केंद्र माना जाता है. इसलिए इस दिशा को पूजा-पाठ के लिए अति उत्तम माना जाता है.
ईशान कोण का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ईशान कोण में देवताओं का वास होता है और यह दिशा सकारात्मकता से भरी मानी जाती है. इस दिशा में बैठकर पूजा करने को कहा जाता है, माना जाता है कि अगर इस दिशा में बैठकर पूजा की जाए तो ईश्वर से सहजता से जुड़ा जा सकता है.
इसके साथ ही वास्तु शास्त्र में भी इस दिशा को बेहद शुभ और मंगलकारी माना गया है. क्योंकि सूर्य की पहली किरणों और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रवाह भी इसी दिशा पर सबसे पहले पड़ता है. इतना ही नहीं ईशान कोण में पवित्रता बनाए रखने से घर में धन-वैभव, ज्ञान और उन्नति बनी रहती है.
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ईशान कोण में जरुर रखें इन चीजों का ध्यान
– ईशान कोण में बैठकर पूजा करते समय अपना मुख पूर्व या उत्तर की ओर रखें.
– पानी का टैंक, कुआं, हौज या बोरवेल ईशान कोण में बनाना बहुत शुभ माना जाता है.
– ईशान कोण में स्वच्छता और खुलापन बनाकर रखें, लाभ प्राप्त होगा.
– इस दिशा में भारी सामान, कचरा या गंदगी बिलकुल नहीं करनी चहिए, क्योंकि इस दिशा में ईश्वर का वास होता है.
– वास्तुशास्त्र के अनुसार, ईशान कोण में छोटा बगीचा या पौधे लगाना शुभ माना जाता है.
– ईशान कोण में भारी निर्माण, सीढ़ियां, बाथरूम या स्टोर रूम बनवाना अच्छा नहीं माना जाता है.
February 22, 2025, 15:03 IST
ईशान कोण में पूजा करना लाभकारी क्यों? जानें क्या कहते हैं वास्तु सलाहकार