Monday, October 27, 2025
25 C
Surat

Why is the tradition of applying vermillion till the nose special during Chhath Puja…what are the religious, cultural and scientific reasons? – Haryana News


Last Updated:

Faridabad latest News: छठ पूजा का नायाब रूप…नाक तक सिंदूर सिर्फ सुहाग का प्रतीक नहीं बल्कि ऊर्जा, स्वास्थ्य और सकारात्मक भावनाओं का संगम है. त्रेता युग से चली आ रही यह परंपरा पति की लंबी उम्र, परिवार की समृद्धि और आत्मबल का संदेश देती है.

Local18

छठ पूजा न केवल सूर्य उपासना का पर्व है, बल्कि यह भारतीय परंपराओं की सुंदर झलक भी दिखाता है. इस दिन महिलाएं पूरे श्रृंगार में सजती हैं और नाक तक सिंदूर लगाना उनकी पहचान बन जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, इस सिंदूर के पीछे गहरी धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक मान्यता छिपी है?

Local18

छठ पूजा सूर्य देव और छठी माता की आराधना का चार दिवसीय पर्व है. बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह बड़े उत्साह से मनाया जाता है. महिलाएं इस दौरान कठोर व्रत रखती हैं, जल में खड़े होकर अर्घ्य देती हैं और पूरे श्रृंगार में सजकर पूजा करती हैं.

Local18

भारतीय संस्कृति में सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है. विवाहित महिलाएं इसे अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए लगाती हैं. छठ पूजा के दौरान नाक तक सिंदूर लगाना इस आस्था को और गहराई देता है.

Local18

महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य के अनुसार यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है. माता सीता ने भगवान राम के साथ छठ पूजा की थी और उस समय भी उन्होंने नाक तक सिंदूर लगाया था. तभी से यह प्रथा आस्था का प्रतीक बन गई.

Local18

सिंदूर का नारंगी या लाल रंग सूर्य का प्रतीक माना जाता है. नाक तक सिंदूर लगाने का अर्थ है कि जब सूर्य की किरणें चेहरे पर पड़ें, तो वे सिंदूर से परावर्तित होकर ऊर्जा दें. यह पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि का प्रतीक है.

Local18

धार्मिक कथाओं के अनुसार, जब हनुमान जी ने सुना कि माता सीता अपने पति की लंबी आयु के लिए सिंदूर लगाती हैं, तो उन्होंने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाया. तभी से भक्त हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाते हैं, जिससे दुखों से मुक्ति और शक्ति प्राप्त होती है.

Local18

लाल रंग को शक्ति, प्रेम और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. व्रत के दौरान यह रंग महिलाओं को आत्मबल देता है और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखता है. यह मन को उत्साहित और आत्मविश्वास से भर देता है.

Local18

सिंदूर हल्दी और पारे से बनता है जिनमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. इसे नाक तक लगाने से साइनस की परेशानी कम होती है और सांस लेने में राहत मिलती है. यह रक्त को शुद्ध करता है और शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है.

Local18

नाक तक सिंदूर लगाने की यह परंपरा केवल धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक और भावनात्मक महत्व भी रखती है. यह आस्था, स्वास्थ्य और प्रेम का संगम है. यही वजह है कि आज भी हर छठ पर्व पर यह परंपरा महिलाओं के श्रृंगार का सबसे खास हिस्सा होती है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

छठ पूजा में महिलाएं नाक से लेकर मांग तक क्यों लगाती हैं सिंदूर, जानिए महत्व

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img